किसानों ने जलाई कृषि विपणन पॉलिसी की प्रतियां
रमेश सरोए/हप्र
करनाल, 11 मार्च
कृषि विपणन पॉलिसी के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने मंगलवार को जोरदार प्रदर्शन किया और पॉलिसी की प्रतियां जलाईं। किसान गांधी चौक से रोष मार्च निकालते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शन के चलते शहर में लंबा जाम लग गया और वाहन घंटों जाम में फंसे रहे। भाकियू प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा कि सरकार पुराने तीनों कानूनों को फिर से किसानों पर थोपना चाहती है, यह कृषि विपणन पॉलिसी उन्हीं तीनों कानूूनों का प्रारूप है। यह कानून किसानों को बर्बाद करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि सरकार तुरंत प्रभाव से इस पॉलिसी को रद्द करे। केंद्र सरकार द्वारा 25 नवंबर 2024 को जारी की गई कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति को हरियाणा विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर वापस किया जाए और इसे प्रदेश में लागू न किया जाए।
भाकियू प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जल्द इस समस्या का समाधान नहीं किया तो किसानों के भारी आक्रोष का सामना करना पड़ेगा। किसान 20 मार्च को एकत्रित होंगे और कुरुक्षेत्र स्थित मुख्यमंत्री के आवास पर महापंचायत करेंगे। जिसमें किसान एकजुटता के साथ निर्णय लेंगे।
कैथल (हप्र) : संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदर्शन किया और लघु सचिवालय में तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन की अध्यक्षता जिला कैथल के कन्वीनर महेंद्र सिंह रामगढ़ ने की और संचालन संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जसबीर सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि चार साल पहले इसी दिन तीन काले कृषि कानूनों और चार श्रम संहिता के खिलाफ मजदूरों की देशव्यापी आम हड़ताल के साथ किसानों के महान संघर्ष की शुरुआत की गई थी। 26 नवंबर इस संघर्ष की चौथी वर्षगांठ के महत्वपूर्ण अवसर को चिह्नित करता है। यह विरोध कार्रवाई 18 प्रमुख मांगों और 24 अगस्त 2023 को स्वीकृत किए गए मजदूरों और किसानों के मांगपत्र पर आधारित है।
सिरसा (हप्र) : जिले के विभिन्न किसान, मजदूर संगठनों ने डीसी कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। इस अवसर पर डाॅ. सुखदेव सिंह जम्मू ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 19 नवंबर, 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा के ऐतिहासिक आन्दोलन के चलते जिन खेती कानूनों को वापस लिया गया था, उन्हीं कानूनों को राज्य सरकारों से लागू करवाने के लिए केन्द्र सरकार ने मंडी व्यापार प्रोग्राम फ्रेमवर्क का मसौदा तैयार करके भेजा है। पंजाब व केरल सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पारित करके उसे रद्द कर दिया है, हरियाणा सरकार भी उपरोक्त मसौदे को विधानसभा में प्रस्ताव पारित करके रद्द करे। इस मांग को मुख्य रूप से व अन्य मांगों को लेकर सीएम के नाम डीसी को 18 मांगों वाला मांगपत्र सौंपा गया।
ये हैं प्रमुख मांगें
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 25 नवंबर 2024 को जारी की गई कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति को हरियाणा विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर वापिस किया जाए और इसे हरियाणा प्रदेश में लागू न किया जाए। सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करके उनकी खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए। बिजली कानून में संशोधन बिल और स्मार्ट मीटर योजना रद्द होनी चाहिए। किसान आंदोलन के दौरान और उसके बाद भिन्न भिन्न स्थानों पर हुए किसानों के आंदोलनों/प्रदर्शनों में किसानों पर बनाए हुए सभी मुकदमे खारिज किए जाएं। पराली के नाम पर किसानों पर दर्ज केस रद्द किए जाएं। सहकारी सोसाइटियों में किसानों के नए खाते खोले जाएं और कृषि ऋण उपलब्ध करवाए जाएं। सभी किसान मजदूरों को 58 वर्ष की आयु के उपरांत 10 हजार रुपये मासिक पेंशन शुरू की जाए।
20 को सीएम आवास पर प्रदर्शन की चेतावनी
फतेहाबाद (हप्र) : किसानों ने लघु सचिवालय पर धरना दिया और इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सीएम के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो 20 मार्च को सीएम आवास पर प्रदर्शन किया जाएगा।
डीसी को सौंपा ज्ञापन
यमुनानगर (हप्र) : जिले के किसानों ने भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिला प्रधान सुभाष गुर्जर, अखिल भारतीय किसान सभा हरियाणा के जिला प्रधान जरनैल सिंह सांगवान, अखिल भारतीय किसान सभा अजय भवन के राज्य प्रधान गुरभजन सिंह मझैल की अध्यक्षता में अनाज मंडी गेट पर प्रदर्शन किया और डीसी के माध्यम से सीएम के नाम ज्ञापन भेजा।