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कुदरत की मार के बाद किसान अब और बेबस

08:38 AM Sep 21, 2023 IST
मंडी में आई धान का दृश्य। -हप्र

रमेश सरोए/ हप्र
करनाल, 20 सितंबर
कुदरत की मार के बाद किसान अब धान की सरकारी बोली का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन यह लगातार बढ़ता जा रहा है। आढ़तियों, किसानों को उम्मीद थी कि धान की सरकारी बोली 15 सितंबर से शुरू होगी, लेकिन अब 25 सितंबर तो कभी एक अक्तूबर से होने के कयास लगाएं जा रहे हैं। प्रत्येक आढ़ती के पास प्रतिदिन 150 से 200 किसानों के फोन बज रहे हैं, जो सरकारी बोली के बारे में पूछते हैं। उधर मंडियों में फैली अव्यवस्थाएं और खरीद एजेंसियों की नाकाफी तैयारियां कुछ और इशारा कर रही हैं। इन हालात में किसान, आढ़ती परेशान हैं, वहीं प्राइवेट खरीदारों के चेहरे खिले हुए हैं। किसानों को प्रति एकड़ 12 हजार से अधिक का नुकसान झेलना पड़ रहा है, ये पैसा सीधे तौर पर निजी खरीदारों की जेब में जा रहा है। किसानों का कहना है कि उन्होंने सरकार के नियम अनुसार सही समय पर धान की फसलें लगाई थी, जो समय पर पक कर तैयार हो चुकी हैं। अब सरकार फसलें खरीदने के लिए आगे नहीं आ रही, जबकि प्राइवेट खरीदार उनकी पीआर धान महज 1700 से 1800 रुपये प्रति क्विंटल में खरीद रहे हैं।
बेचनी है तो बेचो, नहीं तो आप जानो : किसानों के अनुसार, सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य मांगने पर प्राइवेट खरीदार तपाक से बोल देते हैं कि बेचनी है तो बेचो, नहीं तो आप जानो। किसान कहते हैं, मजबूरी में हम क्या करें। पहले कुदरत की मार झेली, बरसात के बाद अब फसलों में सुंडी नामक कीट ने तबाही मचाई हुई है, किसान क्या करें। भाकियू सर छोटूराम के प्रवक्ता बहादुर मेहला बलड़ी ने सरकार से मांग की है कि मंडियों में जल्द से जल्द धान की सरकारी खरीद शुरू की जाए। उन्हाेंने कहा कि अगर जल्द सरकारी एजेंसियां खरीद शुरू नहीं करतीं तो किसान बर्बाद हो जाएगा।

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शुरु हो गयी है आवक

मंडी में पीआर धान की आवक होने लगी है, जिसके 1825 से 1950 रुपये तक मिल रहे हैं, जबकि ‘1509 धान’ का रेट 3400 रुपये क्विंटल तक मिल रहा है। मंडी में साफ सफाई करवाई जा रही है, सड़कें टूटी हुई हैं, उनकी मरम्मत के लिए मार्केट बोर्ड के एक्सईएन को अवगत करवा दिया है। पानी व टॉयलेट को लेकर कोई दिक्कत नहीं है। मंडी में किसानों को धान खरीद को लेकर कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी।

- भगवान दास मुदगिल, सचिव, मार्केट कमेटी करनाल

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न सही दाम, न सुविधाएं

किसान अजमेर सिंह, गुरमेल सिंह ने बताया कि मंडी में पीआर धान की आवक शुरू हो चुकी है, लेकिन खरीद शुरू नहीं हुई है। किसान परेशान हैं। मंडी में साफ-सफाई नहीं है, सड़कें टूटी हुई हैं। कोई 25 सितंबर से, तो कोई एक अक्तूबर से खरीद की बात कर रहा है। प्राइवेट खरीदार औने-पौने दाम पर पीआर धान खरीद रहे हैं। सरकार से मांग है कि धान की खरीद जल्द शुरू की जाये, ताकि किसानों को नुकसान न झेलना पड़े।

अतिशीघ्र शुरू हो सरकारी बोली

किसानों को प्रति एकड़ 12 हजार रुपये से अधिक का नुकसान हो रहा है, सरकारी खरीद कब होगी, कुछ स्पष्ट नहीं है। किसान कब तक फसल को खेतों में रोके। प्रदेशभर के आढ़ती सरकार से मांग कर रहे हैं कि अतिशीघ्र सरकारी बोली शुरू करवाई जाए। लेकिन अभी तक खरीद एजेंसियों ने तैयारियां तक नहीं की हैं, पॉलिसी तक नहीं बनी है। किसानों के लगातार फोन आ रहे हैं, हम भी उन्हें कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं। प्राइवेट खरीदार अपनी मर्जी से धान खरीद रहे हैं, किसान मजबूरी में बेच भी रहे हैं, वे करें भी क्या?
- रजनीश चौधरी, चेयरमैन, हरियाणा स्टेट अनाजमंडी
आढ़ती एसोसिएशन

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