धान का बीज लेने के लिए किसानों को करनी पड़ रही मारामारी
कैथल, 8 मई (हप्र)
किसानों को 7501 धान का बीज लेने के लिए एक सप्ताह से चिलचिलाती धूप में कसरत करनी पड़ रही है। किसानों को कई-कई घंटे लाइन में लगने के बाद केवल एक ही थैली मिल रही है। इस कारण किसान काफी परेशान और हताश हो चुके हैं। आलम यह है कि धान के बीज की एक थैली के लिए भी किसानों को सुबह के समय लंबी कतार में लगना पड़ रहा है। बुधवार को भी कैथल में धान का बीज लेने के लिए किसानों की लंबी लाइन लगी रही।
भारतीय किसान यूनियन धन्ना भगत के महासचिव होशियार गिल ने बताया कि गेहूं कटाई का काम निपटने लगा तो किसानों को अब धान की रोपाई को लेकर पौध की बुआई की चिंता सताने लगी है। धान का बीज किसानों को समुचित रूप से नहीं मिल पा रहा है, जिसके लिए मारामारी मची है। किसान सुबह छह बजे ही बिक्री केंद्रों खुलने से चार-चार घंटे पहले लाइनों में खड़े हो जाते हैं, जो तपती दोपहरी तक खड़े रहते हैं। कोई दो दिन से तो कोई तीन दिन से बीज लेने के लिए पसीना बहा रहा है, फिर भी हालात यह बने हुए हैं कि कई किसानों को बिना बीज लिए ही बैरंग लौटना पड़ रहा है। बुधवार को कैथल की नयी अनाज मंडी में सुबह 6:00 बजे से ही किसान बीज लेने के लिए लाइनों में लगे हुए हैं। इसके बावजूद भी कई किसानों को शाम को खाली हाथ लौटना पड़ता है। बुधवार को भारतीय किसान यूनियन धन्ना भगत के कार्यकर्ता ने अनाज मंडी में पहुंचे किसानों के लिए खाना और पानी का प्रबंध किया। भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने लोगों को खाने के पैकेट दिए और बोतलों में पानी उपलब्ध करवाया।
कृषि कल्याण विभाग के एसडीओ बोले
कृषि कल्याण विभाग के एसडीओ सतीश नारा ने बताया कि 7501 धान का बीज सवाना कंपनी का है। कृषि विभाग के बीज की सप्लाई से कोई संबंध नहीं है। कंपनी ने हरियाणा में सप्लाई के लिए 200 टन बीज ही रखा था। इसका लक्ष्य पूरा हो चुका है। इस बीज की कुरुक्षेत्र और कैथल में अधिक मांग है। कैथल में सवा चार लाख एकड़ में धान की बिजाई होती है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वह दूसरी कंपनियों का बीज भी उपयोग करें। भले ही दूसरे बीज में पैदावार आंशिक कम हो, लेकिन एक ही बीज उगाने के कई प्रकार के नुकसान भी हैं। प्राइवेट कंपनी अपनी उपलब्धता के आधार पर ही बीज सप्लाई कर रही है।