Farmer Protest Shambhu Border: किसानों पर बुलडोजर एक्शन के बाद हरियाणा ने शंभू बॉर्डर से हटाने शुरू किए बैरिकेड्स
चंडीगढ़, 20 मार्च (ट्रिन्यू/एजेंसी)
Farmer Protest Shambhu Border: हरियाणा के सुरक्षा कर्मियों ने शंभू बॉर्डर से प्रदर्शनकारी किसानों को हटाए जाने के बाद बृहस्पतिवार सुबह सीमेंट के वे अवरोधक हटाने शुरू कर दिए जो पंजाब के किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए लगाए गए थे।
शंभू बॉर्डर पर शंभू-अंबाला मार्ग से कंक्रीट के अवरोधकों को हटाने के लिए जेसीबी और अन्य मशीनों की मदद ली जा रही है। यह मार्ग एक साल से अधिक समय से बंद है। हरियाणा के सुरक्षा अधिकारियों ने पंजाब से लगी राज्य की सीमा पर सीमेंट के ब्लॉक, लोहे की कीलें और कंटीले तारों की मदद से अवरोधक लगाए थे ताकि ‘दिल्ली चलो' कार्यक्रम के तहत पंजाब से किसानों के राजधानी की ओर बढ़ने के हर प्रयास को विफल किया जा सके।
#WATCH | Haryana Police uses bulldozers to remove concrete barricades erected at Haryana - Punjab Shambhu Border to restrict farmers' movement further from where they were sitting on a protest over various demands.
Yesterday, late in the evening, Punjab police removed the… pic.twitter.com/Ma5SPYwT9m
— ANI (@ANI) March 19, 2025
पंजाब पुलिस ने भी मार्ग को साफ करने के लिए शंभू बॉर्डर पर पंजाब की ओर स्थित शेष अस्थायी ढांचों को हटाने का अभियान बृहस्पतिवार को फिर शुरू कर दिया।
VIDEO | Haryana Police remove concrete barricading from Haryana side at Shambhu border.
Several farmer leaders, including Sarwan Singh Pander and Jagjit Singh Dallewal were detained in Mohali while returning from a meeting with a central delegation. Punjab Police evicted farmers… pic.twitter.com/3DHvD5lNJA
— Press Trust of India (@PTI_News) March 20, 2025
इस बीच, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने पंजाब पुलिस की कार्रवाई के विरोध में बृहस्पतिवार को उपायुक्तों के कार्यालयों के बाहर धरना देने की घोषणा की। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले दोनों निकायों ने बुधवार को प्रदर्शनकारियों को हटाने और किसान नेताओं को हिरासत में लेने के लिए पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की आलोचना की।
Well Done @police_haryana
हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर से कंक्रीट बैरिकेड्स हटा दिए हैं।
हरियाणवी पिछले 13 महीनों से बिना किसी गलती के परेशान हो रहे हैं। pic.twitter.com/y6kJSf1eB8
— Arun Yadav 🇮🇳 (@BeingArun28) March 20, 2025
पंजाब पुलिस ने बुधवार को सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल सहित कई किसान नेताओं को मोहाली में उस समय हिरासत में ले लिया जब वे चंडीगढ़ में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एक केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक करने के बाद लौट रहे थे। पुलिस ने शंभू और खनौरी धरना स्थलों से भी प्रदर्शनकारी किसानों को हटा दिया।
प्रदर्शन के कारण ये स्थल एक साल से अधिक समय से अवरुद्ध थे। पुलिस ने इन दोनों स्थलों पर बनाए गए अस्थायी ढांचों और मंचों को भी जेसीबी मशीनों से गिरा दिया।
चंडीगढ़ में दोनों पक्षों के बीच हुई सातवें दौर की वार्ता में केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी किया। चर्चा मुख्य रूप से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग पर केंद्रित रही।
बैठक के बाद किसान जैसे ही मोहाली में दाखिल हुए, उन्हें भारी अवरोधकों का सामना करना पड़ा। किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमएससी) के नेता सतनाम सिंह पन्नू ने पुलिस कार्रवाई की बृहस्पतिवार को निंदा की और पंजाब सरकार पर केंद्र की मिलीभगत से प्रदर्शनकारी किसानों पर कार्रवाई करने का आरोप लगाया।
पन्नू ने कहा, ‘‘यह लोकतांत्रिक अधिकारों की हत्या थी। किसान दिल्ली जाना चाहते थे लेकिन हरियाणा सरकार ने केंद्र के इशारे पर सड़कों पर अवरोधक लगा दिए।'' उन्होंने कहा कि शंभू और खनौरी बॉर्डर से जबरन धरना हटाने के लिए हजारों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। पन्नू ने कहा, ‘‘भगवंत मान और केंद्र में भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के नेतृत्व वाली सरकारों को इसके परिणाम भुगतने होंगे।''
उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा पंजाब और अन्य राज्यों में उपायुक्तों के कार्यालयों के बाहर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ धरना देंगे। पन्नू ने कहा, ‘‘महिलाओं सहित हजारों किसान धरने में हिस्सा लेंगे। हम अपनी मांगों को लेकर आंदोलन तेज करेंगे।'' केएमएससी नेता सुखविंदर सिंह ने किसानों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा, ‘‘किसानों ने सड़कें नहीं रोकी। केंद्र ने रोकी। हम आज भी दिल्ली जाना चाहते हैं क्योंकि हमारी मांगें केंद्र से संबंधित हैं।''
उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब के मुख्यमंत्री मान ने पुलिस कार्रवाई शुरू करके केंद्र की भाजपा सरकार के प्रति अपनी ‘वफादारी' दिखाई है।'' इस बीच, पिछले साल 26 नवंबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को जालंधर स्थित पंजाब आयुर्विज्ञान संस्थान ले जाया गया, बाद में उन्हें किसी अन्य स्थान पर ले जाया गया।
किसान नेता गुरमनीत सिंह मंगत ने बताया कि पंधेर और डल्लेवाल के साथ अभिमन्यु कोहाड़, काका सिंह कोटरा और मंजीत सिंह राय को भी हिरासत में लिया गया है। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने किसानों को प्रदर्शन स्थलों से हटाए जाने को उचित ठहराते हुए कहा कि राज्य के लिए जीवनरेखा सरीखे दोनों राजमार्गों के लंबे समय तक बंद रहने से उद्योग और कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आम आदमी पार्टी (आप) युवाओं के लिए रोजगार सृजन के वास्ते प्रतिबद्ध है। अगर व्यापार और उद्योग सुचारू रूप से चलते रहेंगे तो उन्हें रोजगार मिलेगा।'' संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली कूच करने से रोके जाने पर पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू (शंभू-अंबाला) और खनौरी (संगरूर-जींद) बॉर्डर पर डेरा डाले हुए थे।