फरीदाबाद, 25 फरवरी (हप्र)संस्थागत प्रसूति को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए जा रहे हैं इसके बावजूद जिले के सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों और अस्पतालों से गर्भवती महिलाओं को धड़ल्ले से रेफर कर अपना पल्ला झाड़ दिया जा रहा है। ऐसा ही बीके सिविल अस्पताल से रेफर की गई एक गर्भवती महिला के संग हुआ। बीपी हाई सहित बच्चे को रखने के लिए आईसीयू की सुविधा न होने की बात कहकर उसे दिल्ली के लिए रेेफर किया गया था। लेकिन गर्भवती की डिलीवरी करीब चार किलोमीटर दूर ही एंबुलेंस में हो गई। ऐसे में जच्चा और बच्चा को कुछ हो जाता तो इसका जिम्मेवार कौन होता। हालांकि एंबुलेंस में तैनात ईएमटी और ड्राइवर ने जच्चा और बच्चा को सुरक्षित बीके सिविल अस्पताल में भर्ती करवा दिया।संतोष नगर निवासी सोनू ने बताया कि वह एक कंपनी में हेल्पर की नौकरी कर परिवार का गुजारा चलाता है। मंगलवार को उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। वह अपनी मां के साथ पत्नी को सेक्टर-30 स्थित प्रथम रेफरल यूनिट मेें सुबह सात बजे ले आये। वहां जांच के बाद बताया कि बीपी हाई है, जिसके कारण उसको डिलीवरी मेें दिक्कत हो सकती है, ऐसे मेें उन्हें बीके सिविल अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। बीके अस्पताल पहुंचने पर जांच के करीब डेढ़ घंटे के बाद बीपी हाई और आईसीयू की सुविधा न होने की बात कर कर उन्हें दिल्ली रेफर कर दिया। जब एंबुलेंस बीके अस्पताल से ओल्ड फरीदाबाद पहुंंची, तो जाम में एंबुलेंस फंस गई और रास्ते में ही डिलीवरी हो गई। इसके बाद वे वापस बीके अस्पताल आ गये।