Famous Ram Temples : अयोध्या ही नहीं... भारत के इन प्रसिद्ध मंदिरों में भी विराजमान हैं भगवान राम
चंडीगढ़, 17 अप्रैल (ट्रिन्यू)
Famous Ram Temples : बेशक... अयोध्या भगवान श्रीराम की जन्मभूमि है और वहां का मंदिर विश्वविख्यात है, लेकिन भारतवर्ष में कई ऐसे प्राचीन व भव्य मंदिर हैं जहां रघुनंदन की पूजा अत्यंत श्रद्धा से होती है। भारत के कोने-कोने में भगवान की उपस्थिति सिर्फ मूर्तियों तक सीमित नहीं है बल्कि जनमानस में रचे-बसे हैं श्रीराम। उनकी जीवन गाथा से जुड़े स्थलों पर बने ये मंदिर ना केवल धार्मिक भावना को प्रकट करते हैं बल्कि भारत की सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक हैं।
अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण ने रामभक्तों को गर्व और श्रद्धा से भर दिया है। साथ ही देशभर के ये राम मंदिर भी रामनाम की गूंज को सदा जीवित रखते हैं। आइए जानते हैं भारत के प्रसिद्ध और प्राचीन राम मंदिरों के बारे में...
रामेश्वरम मंदिर (तमिलनाडु)
रामेश्वरम मंदिर भले ही शिवजी को समर्पित है, लेकिन इसका श्रीराम से गहरा संबंध है। मान्यता है कि लंका पर चढ़ाई से पहले श्रीराम ने यहीं से सेतुबंध (रामसेतु) का निर्माण कराया था। यहीं उन्होंने शिवलिंग की स्थापना कर शिवजी की पूजा की थी।
कोदंड रामास्वामी मंदिर (रामेश्वरम, तमिलनाडु)
यह मंदिर विशेष रूप से श्रीराम को समर्पित है। इसमें श्रीराम, लक्ष्मण और सीता जी की मूर्तियां हैं। साथ ही विभीषण की भी मूर्ति है। कहा जाता है कि यहीं पर श्रीराम ने विभीषण को लंका का राजा घोषित किया था।
बद्रीनाथ मंदिर (उत्तराखंड) श्रीराम की पदचिन्ह
बद्रीनाथ भगवान विष्णु को समर्पित है। हालांकि श्रीराम विष्णु के अवतार होने के कारण यहां उनकी विशेष मान्यता है। कई तीर्थ यात्री बद्रीनाथ को राम-नाम जाप के साथ यात्रा का हिस्सा मानते हैं।
औंधा नागनाथ मंदिर (महाराष्ट्र)
यह मंदिर शिवजी को समर्पित है, लेकिन इसके पीछे श्रीराम की कथा है। कहा जाता है कि वनवास के दौरान श्रीराम यहां आए थे और उन्होंने शिवलिंग की स्थापना कर पूजा की थी। इस कारण यह स्थान रामभक्तों के लिए भी महत्व रखता है।
चित्रकूट (उत्तर प्रदेश-मध्य प्रदेश सीमा)
चित्रकूट वह स्थान है. जहां श्रीराम, सीता और लक्ष्मण ने वनवास का लंबा समय बिताया था। यहां का कामदगिरि पर्वत, रामघाट, और भरत मिलाप मंदिर अत्यंत प्रसिद्ध हैं। चित्रकूट को "राम की तपोभूमि" भी कहा जाता है।
हनुमान गढ़ी (अयोध्या के पास)
हालांकि यह अयोध्या में ही है, लेकिन श्रीराम के प्रिय भक्त हनुमान जी को समर्पित यह मंदिर रामभक्ति का एक अनूठा रूप दर्शाता है। मान्यता है कि श्रीराम के अयोध्या लौटने के बाद हनुमान यहीं निवास करने लगे थे।