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आठ सांसदों के परिजन पहुंचे विधानसभा, पंवार ने खुद जीता चुनाव

12:04 PM Oct 10, 2024 IST
आठ सांसदों के परिजन पहुंचे विधानसभा  पंवार ने खुद जीता चुनाव
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 9 अक्तूबर
हरियाणा विधानसभा चुनाव इस बार लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों के लिए सुखद साबित हुए। आठ सांसदों के परिजनों ने विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की, जबकि भाजपा के राज्यसभा सदस्य कृष्ण लाल पंवार ने इसराना से खुद चुनाव जीता। इससे राज्यसभा की एक सीट खाली हो गई, जो उपचुनाव के बाद भाजपा के खाते में जाएगी।
चार सांसदों के बच्चे, दो की माता, एक के पिता, और एक की पत्नी इस बार विधानसभा पहुंची। यह भी खास रहा कि जिन सांसदों के परिजनों को टिकट मिली, उनके परिणाम 100 प्रतिशत रहे। गुरुग्राम से भाजपा सांसद राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती सिंह राव ने अटेली से बसपा उम्मीदवार ठाकुर अत्तर लाल को 3,085 मतों से हराया। आरती सिंह राव पहली बार विधानसभा पहुंची हैं। राज्यसभा सदस्य किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी ने तोशाम से चुनाव जीतकर अपने चचेरे भाई और कांग्रेस उम्मीदवार अनिरुद्ध चौधरी को 14,257 वोटों से हराया। श्रुति चौधरी इससे पहले भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुकी हैं। हालिया लोकसभा चुनाव के बाद किरण और श्रुति ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन की थी। इसी तरह कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला के बेटे आदित्य सुरजेवाला ने कैथल से भाजपा के विधायक लीला राम गुर्जर को 8,124 मतों से शिकस्त दी। आदित्य ने 2019 में अपने पिता रणदीप सिंह सुरजेवाला की हार का बदला भी लीला राम से लिया है। रणदीप सिंह सुरजेवाला इस सीट से विधायक बनते रहे हैं। वे पूर्व की हुड्डा सरकार में लगातार दस वर्षों तक हेवीवेट कैबिनेट मंत्री भी रहे। कांग्रेस सांसद जयप्रकाश ‘जेपी’ के बेटे विकास सहारण ने कलायत से भाजपा विधायक कमलेश ढांडा को 13,419 वोटों से हराया। इससे पहले जेपी खुद भी यहां से विधायक रह चुके हैं। इसी तरह रोहतक सांसद दीपेंद्र हुड्डा के पिता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने लगातार चौथी बार गढ़ी-सांपला-किलोई से चुनाव लड़ा। हुड्डा इस बार 71 हजार 465 मतों के अंतर से चुनाव जीतने में कामयाब रहे। अम्बाला लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस सांसद वरुण चौधरी की पत्नी मंजू चौधरी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित मुलाना हलके से चुनाव लड़ी। मंजू का यह पहला चुनाव था।

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दो सांसदों की माता भी पहुंची विधानसभा

कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल ने इस बार हिसार विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा। भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वे आजाद प्रत्याशी के तौर पर मैदान में आ गईं। पूर्व में कांग्रेस की हुड्डा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुकी सावित्री जिंदल देश की सबसे अमीर महिला हैं। उन्होंने कांग्रेस के रामनिवास राड़ा को 18 हजार 941 मतों से चुनाव हराया। भाजपा प्रत्याशी व नायब सरकार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता को मात्र 17 हजार 385 वोट मिले और वे तीसरे नंबर पर रहे। इसी तरह भाजपा के समर्थन से राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा की माता शक्ति रानी शर्मा कालका हलके से चुनाव जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंची हैं। अम्बाला सिटी नगर निगम की मेयर रहीं शक्ति रानी शर्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी हैं।

पंवार ने ले लिया हार का बदला

भाजपा के राज्यसभा सदस्य कृष्णलाल पंवार ने एससी के लिए आरक्षित इसराना हलके से 2019 में हुई अपनी हार का बदला ले लिया है। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी व मौजूदा विधायक बलबीर सिंह वाल्मीकि को 13 हजार 895 मतों के बड़े अंतर से पटकनी दी। पंवार 2014 में भी यहां से विधायक बने थे और वे मनोहर सरकार में परिवहन व जेल मंत्री रहे। 2019 में चुनाव हारने के बाद भाजपा ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया। अब उनके चुनाव जीतने के साथ ही राज्यसभा की एक सीट खाली हो गई है। भाजपा के पास क्योंकि 48 विधायक हैं। ऐसे में यह सीट भाजपा के खाते में ही जानी तय है।

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