1971 के युद्ध सैनिकों के परिजनों को किया सम्मानित
मंडी/शिमला, 5 सितंबर (निस)
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज मंडी के सेरी मंच में पाकिस्तान पर भारत की ऐतिहासिक विजय के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे स्वर्णिम विजय वर्ष के अवसर पर विजय मशाल को ग्रहण किया। विजय मशाल यात्रा के स्वागत के लिए ऐतिहासिक सेरी मंच को आकर्षक ढंग से सजाया गया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह आयोजन 1971 के युद्ध में भारत की ऐतिहासिक विजय के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल 1971 में पाकिस्तान पर भारत की शानदार विजय की याद दिलाता है, बल्कि यह बांग्लादेश के जन्म की कहानी भी बताता है। उन्होंने कहा कि यह विजय भारतीय सैनिकों के सामरिक कौशल और वीरता का जीता-जागता दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 16 दिसम्बर, 2020 को विजय मशाल जलाकर स्वर्ण विजय वर्ष समारोह आरम्भ किया गया और तब से विजय मशाल देशभर की यात्रा कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल को वीरभूमि का गौरव दिलाने में प्रदेश के वीर सपूतों ने अभूतपूर्व योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से हिमाचल के लगभग 1700 वीरों ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के जवानों की वीरता इस बात से प्रदर्शित होती है कि राज्य के सपूतों को 4 परमवीर चक्र, 2 अशोक चक्र, 11 महावीर चक्र और 23 कीर्ति चक्र मिले हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के कुल 1111 सैनिकों को विभिन्न पदकों से सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के भूतपूर्व सैनिकों और सैनिकों के आश्रितों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देकर रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए कई योजनाएं आरम्भ की हैं उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व में देश प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 1971 के युद्ध शहीदों के परिजनों को भी सम्मानित किया।
261 वीरों ने दी थी कुर्बानी
जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान हिमाचल के 261 वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्होंने कहा कि राज्य में आज 121944 भूतपूर्व सैनिक, 923 वीर नारियां और 36731 अन्य सैन्य विधवाएं हैं। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान हिमाचल के 52 वीरों ने अपने प्राणों की आहुति देकर राज्य को गौरवान्वित किया था। इस युद्ध के दौरान राज्य के सैनिकों ने 2 परमवीर चक्र, 6 वीर चक्र और 12 सेना पदक और एक मेन्शन-इन-डिस्पैच प्राप्त किया।