For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

ईरान में लापता भारतीयों का पता लगने के बाद परिवार ने ली राहत की सांस

07:07 AM Jun 05, 2025 IST
ईरान में लापता भारतीयों का पता लगने के बाद परिवार ने ली राहत की सांस
Advertisement

होशियारपुर, 4 जून (एजेंसी)
ईरान में लापता अमृतपाल सिंह के परिवार ने उस समय राहत की सांस ली जब ईरानी दूतावास ने उन्हें बताया कि अमृतपाल को तेहरान में पुलिस ने ढूंढ निकाला है और रिहा करा दिया गया है। परिवार को अमृतपाल नामक व्यक्ति का फोन भी आया, लेकिन उनका कहना है कि जब तक वह उसे देख नहीं लेते तब तक उन्हें तसल्ली नहीं होगी। होशियारपुर स्थित भागोवाल गांव के निवासी अमृतपाल (23), संगरूर के धुरी निवासी हुसनप्रीत सिंह और शहीद भगत सिंह नगर के लंगरोया के निवासी जसपाल सिंह मई में ईरान में लापता हो गए थे। उनके परिवारों ने दावा किया कि ट्रैवल एजेंटों द्वारा ऑस्ट्रेलिया में अच्छे रोजगार का वादा किए जाने पर वे ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुए थे लेकिन ईरान पहुंचे गए और बाद में वहां उनका ‘अपहरण’ कर लिया गया। परिवारों ने यह भी दावा किया कि ‘अपहरणकर्ताओं’ ने उनकी रिहाई के लिए फिरौती के तौर पर भारी भरकम रकम मांगी थी। नयी दिल्ली में ईरानी दूतावास ने तेहरान में मीडिया की खबरों का हवाला देते हुए मंगलवार को कहा कि पिछले महीने लापता हुए सभी तीन भारतीय नागरिकों को बचा लिया गया है। पिछले सप्ताह, विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वह लापता भारतीयों के मामले में ईरानी अधिकारियों के संपर्क में है। ईरानी दूतावास ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘तेहरान पुलिस ने तीन लापता भारतीय नागरिकों को रिहा करा लिया है।’

Advertisement

ऑस्ट्रेलिया के सपने दिखाकर भेज ईरान में फंसा दिया

अमृतपाल एक मई को हुसनप्रीत और जसपाल के साथ ईरान के रास्ते ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुआ था। स्थानीय ट्रैवल एजेंटों ने कथित तौर पर उन्हें ऑस्ट्रेलिया में अच्छा रोजगार दिलाने का वादा कर उनके साथ धोखा किया। उन्हें बताया गया था कि ईरान में उनका पड़ाव अस्थायी है और वे जल्द ही अपने अंतिम गंतव्य के लिए रवाना हो जाएंगे। हालांकि, तेहरान पहुंचने के तुरंत बाद उनका ‘अपहरण’ कर लिया गया। अमृतपाल की मां गुरदीप कौर ने पहले कहा था कि उनका बेटा 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद एक कारखाने में काम कर रहा था। उन्होंने कहा कि परिवार ने ट्रैवल एजेंटों धीरज अटवाल और पिपलांवाला के कमल अटवाल को 18 लाख रुपये दिए थे जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में ‘वर्क वीजा’ और नौकरी का वादा किया था।

Advertisement
Advertisement
Advertisement