For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

Maha Kumbh में भय पर भारी आस्था, आंखों से देखा मौनी अमावस्या भगदड़ का मंजर; फिर भी त्रिवेणी में लगाई डुबकी

07:17 PM Feb 25, 2025 IST
maha kumbh में भय पर भारी आस्था  आंखों से देखा मौनी अमावस्या भगदड़ का मंजर  फिर भी त्रिवेणी में लगाई डुबकी
प्रयागराज में रविवार को आस्था की डुबकी लगाते श्रद्धालु। - एएनआई
Advertisement

महाकुंभनगर (उप्र), 25 फरवरी (भाषा)

Advertisement

आस्था के भय पर भारी पड़ने का एक अनूठा उदाहरण बिहार के रौशन साह का है, जिन्होंने अपनी 80 साल की मां और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ महाकुंभ में त्रिवेणी में स्नान किया। रौशन के भाई 29 जनवरी को यहां हुई भगदड़ के दौरान महाकुंभ मेला क्षेत्र में मौजूद थे। बांका जिले के रहने वाले साह बिहार निवासी परिवार के 10 अन्य सदस्यों के साथ अब अयोध्या जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मेरे बड़े भाई और भतीजा मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ नगर आए थे। वो उस स्थान करीब थे, जहां भगदड़ हुई थी। इसके बावजूद हम इस विशाल समागम में हिस्सा लेना चाहते थे, इसलिए हमने यह यात्रा की। इस परिवार से गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी के संगम स्थल पर पवित्र स्नान के बाद बातचीत की। साह की 80 वर्षीय मां चिंता देवी ने भी संगम में डुबकी लगाई।

Advertisement

पिछले महीने प्रयागराज में मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी और 60 अन्य लोग घायल हो गए थे। हाल ही में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भीड़भाड़ के कारण मची भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई थी। यह पूछे जाने पर कि क्या भगदड़ की घटनाओं के बाद वह महाकुंभ मेले में जाने को लेकर घबरा रही हैं, देवी ने कहा कि मर जाई ता तर जाई (अगर मैं मर जाऊंगी, तो मुझे मोक्ष मिलेगा)। मृत्यु भगवान की इच्छा है, इसलिए डर क्यों लगेगा?

उनके गृहनगर में कई लोगों ने सुरक्षा चिंताओं के कारण उन्हें महाकुंभ मेले में जाने से मना किया था। देश के विभिन्न भागों से आए सैकड़ों तीर्थयात्री संगम स्थल के पास प्रयागराज की सड़कों पर उमड़े हैं। ये लोग अपने गृहनगर या अगले गंतव्य की ओर जा रहे हैं।मुट्ठीगंज और कीडगंज को जोड़ने वाली सड़क जाम रही और इस पर वाहनों का आवागमन बंद रहा। साह और उनका परिवार शाम को प्रयागराज जंक्शन पहुंचने के लिए भारी भीड़ से दो-चार हुए।

उनके बहनोई सौरभ कुमार, उनकी पत्नी व मां और एक बच्चा उनके साथ संगम पहुंचे, जहां अब तक 60 करोड़ से अधिक लोग पवित्र स्नान कर चुके हैं। मुंगेर निवासी कुमार ने साह के विचारों को दोहराया और सोमवार को प्रयागराज से अपने हृदय में आस्था को समेटे हुए रवाना हुए। हमारे अंदर अभी भी डर है, हमें सड़कों पर और फिर रेलवे स्टेशन पर और फिर ट्रेन के अंदर भारी भीड़ का सामना करना पड़ा है। यह हमें अपनी धार्मिक और आध्यात्मिक इच्छाओं को पूरा करने से नहीं रोक रहा है।

Advertisement
Tags :
Advertisement