आज में आस्था
सेल्फ स्टार्ट के आविष्कारक चार्ल्स एफ. केटरिंग को अपनी खोज को पूरा करने के लिए जमीन,जेवर और मकान बेचकर एक झोपड़ी में रहना पड़ा। एक दिन जब सफलता मिली, तो पत्रकारों ने उन्हें घेर लिया। एक इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा, ‘आपने अनगिनत कठिनाइयों और परेशानियों का सामना किया। इसके पीछे क्या कारण है? आपको इतना धैर्य कहां से और कैसे मिला?’ चार्ल्स एफ. केटरिंग उस पत्रकार को अपनी झोपड़ी में ले गए। वहां एक छोटी-सी मेज पर जो सबसे अनोखी चीज थी वह पत्थर का एक टुकड़ा था और उस पर लिखा था, ‘आज।’ ‘इसे देखिए’, पत्थर के उस टुकड़े की ओर इशारा करके केटरिंग बोले, ‘यही मेरी सफलता का रहस्य है। मैंने ‘आज’ के महत्व को समझा और ‘आज’ में ही जिया। पत्थर के इस टुकड़े पर लिखा ‘आज’ ही मेरे विश्वास का प्रतीक है। इसे देखकर हर दिन मुझमें यह विश्वास जाग्रत हो जाता था कि ‘आज’ मैं अपने काम में सफल अवश्य हो जाऊंगा और इसी विश्वास ने मुझे सफलता दिलाई। न मैंने गुजरे कल के विषय में सोचा और न आने वाले कल के विषय में। मैंने केवल ‘आज’ के विषय में सोचा और आप देख ही रहे हैं कि ‘आज’ मैं सफल हूं।’ प्रस्तुति : देवेन्द्रराज सुथार