'त्रिशूल' पर मिले विदेश मंत्री एस जयशंकर और तंजानिया के राष्ट्रपति
जंजीबार, 6 जुलाई (भाषा)
तंजानिया की दो दिवसीय यात्रा पर बुधवार को जंजीबार पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रपति डॉ. हुसैन अली मिविन्यी के साथ भारतीय नौसेना के जहाज त्रिशूल पर स्वागत समारोह में हिस्सा लिया। जयशंकर ने कहा कि आईएनएस त्रिशूल की यहां मौजूदगी भारत की ‘सागर पहल' के लिए प्रतिबद्धता जाहिर करती है। भारतीय नौसेना का जहाज ‘त्रिशूल' अभी तंजानिया में है।
जयशंकर ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, ‘जंजीबार के राष्ट्रपति डॉ. हुसैन अली मिविन्यी के साथ आईएनएस त्रिशूल पर स्वागत समारोह में हिस्सा लिया। वहां के स्पीकर, मंत्रियों, सांसदों और तंजानियाई सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारियों एवं भारतीय समुदाय के लोगों का स्वागत किया।' उन्होंने कहा, ‘जंजीबार में आईएनएस त्रिशूल की मौजूदगी भारत की ‘सागर पहल' संबंधी प्रतिबद्धता की परिचायक है।'
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह परिसर भारत और तंजानिया के बीच दीर्घकालिक मित्रता को प्रदर्शित करता है और अफ्रीका एवं वैश्विक दक्षिण क्षेत्र के लोगों के साथ सम्पर्क बढ़ाने को लेकर भारत के दृष्टिकोण को दर्शाता है। जयशंकर का 5-6 जुलाई को जंजीबार की यात्रा का कार्यक्रम है। इस दौरान वह भारत की ऋृण सुविधा से वित्तपोषित जल आपूर्ति परियोजना देखने जाएंगे और यहां के शीर्ष नेतृत्व से भेंट करेंगे। जंजीबार के राष्ट्रपति से भेंट करने के बाद विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ राष्ट्रपति डॉ. हुसैन अली मिविन्यी से भेंट करके प्रसन्न हूं । भारत और जंजीबार के बीच मजबूत गठजोड़ को लेकर उनकी प्रतिबद्धता सराहनीय है। हमारे विकास गठजोड़ और रक्षा सहयोग ऐसे क्षेत्र हैं जिससे राष्ट्रपति अली मिविन्यी काफी करीब से जुड़े हैं।'' भारतीय नौसेना के जहाज त्रिशूल पर स्वागत समारोह में हिस्सा लेने के बाद विदेश मंत्री का 7-8 जुलाई तक तंजानिया के शहर दार-ए-सलाम जाने का कार्यक्रम है जहां वे भारत-तंजानिया संयुक्त आयोग की बैठक की अपने समकक्ष के साथ सह अध्यक्षता करेंगे। उनका इस देश में कई मंत्रियों सहित शीर्ष नेतृत्व से मिलने का भी कार्यक्रम है। अपनी यात्रा के दौरन जयशंकर भारत के लिए संसदीय मित्रता समूह के सदस्यों से मिलेंगे और भारत-तंजानिया कारोबारी बैठक का उद्घाटन करेंगे। वे दार-ए-सलाम में स्वामी विवेकानंद की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे।