कृषि और स्वास्थ्य में चुनौतियां विषय पर विशेषज्ञाों ने की चर्चा
समराला, 26 जुलाई (निस)
देशभगत विश्वविद्यालय के सहयोग से सात दिवसीय ऑनलाइन संकाय विकास कार्यक्रम (एफडीपी) का आयोजन किया गया। इसमें कृषि और जीवन विज्ञान के अग्रिम क्लब, आयुर्वेद और अनुसंधान के धनवंतरी क्लब द्वारा सहयोग किया गया। कार्यक्रम में 52 प्रतिभागी और 8 संसाधन व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम में प्रोफेसर (डॉ.) एचके सिद्धू ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और कृषि और स्वास्थ्य पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विज्ञान एक आधार बनाता है जिस पर वैश्विक स्वास्थ्य में सुधार का निर्माण होता है। यह खोजों को खोलता है और नवाचार को बढ़ावा देता है, नीतियों और कार्यक्रमों को सूचित करता है, बाधाओं को तोड़ता है और अंततः सभी के लिए बेहतर, स्वस्थ जीवन को आगे बढ़ाता है।
देश भगत विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. जोरा सिंह ने कहा कि इस तरह के संकाय विकास कार्यक्रम न केवल गुणवत्ता में सुधार करते हैं बल्कि संकाय के साथ-साथ पूरे संस्थान के विकास में भी योगदान देते हैं। संसाधन व्यक्ति डॉ. दीक्षा राणा, एमिटी विश्वविद्यालय, मोहाली ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर ध्यान केंद्रित किया जिससे मिट्टी के साथ-साथ मनुष्यों के स्वास्थ्य में भी गिरावट आ रही है। उन्होंने कार्बन फुटप्रिंट की गणना के लिए केस स्टडी प्रस्तुत की।