हरियाणा के खिलाड़ियों की भागीदारी के अनुरूप ही उम्मीदें
सतीश मेहरा
पिछले दो दशक से हरियाणा के खिलाड़ियों ने ओलंपिक, राष्ट्रमंडल, एशियाई खेलों के साथ-साथ विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धाओं में बेहतर प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन किया है। इस बार भी पेरिस ओलंपिक में पूरे देश की निगाहें हरियाणा-पंजाब के खिलाड़ियों पर लगी हुई हैं। इस ओलंपिक में 117 भारतीय खिलाड़ियों और एथलीटों में 24 खिलाड़ी हरियाणा से हैं और 20 खिलाड़ी पंजाब से हैं। निश्चय ही दोनों प्रदेशों के खिलाड़ी 143 करोड़ भारतीयों की आशा और अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे।
भारत ने साल 1900 में पेरिस ओलंपिक में पदार्पण किया था। ओलंपिक 1900 से लेकर टोक्यो ओलंपिक 2020 तक भारत ने अब तक 25 ओलंपिक आयोजनों में हिस्सा लिया है। अब तक कुल 1,218 भारतीय एथलीट हिस्सा ले चुके हैं। टोक्यो ओलंपिक 2020 तक भारत ने 35 पदक प्राप्त किये। इनमें 10 स्वर्ण पदक, 9 रजत पदक और 16 कांस्य पदक शामिल हैं।
छब्बीस जुलाई से शुरू होने वाले पेरिस ओलंपिक में भारत मजबूत दावेदारी के साथ तैयार है। ओलंपिक खेलों में अब तक भारत द्वारा जीते गए कुल पदकों में सबसे ज्यादा 12 मेडल हॉकी टीम के हैं। इनमें आठ गोल्ड, एक सिल्वर और तीन कांस्य पदक हैं। हॉकी के अतिरिक्त 23 पदक भारतीय खिलाड़ियों ने एकल प्रतिस्पर्धाओं में जीते हैं। हरियाणा के ओलंपिक पदक विजेताओं की सूची पर नजर डालें तो इनमें से सात पदक अकेले हरियाणा के खिलाड़ियों के नाम हैं। आजादी के 75 साल में यह हरियाणा के लिए बड़ी उपलब्धि है। हरियाणा देश की जनसंख्या का केवल दो प्रतिशत है जबकि खेलों में 20 प्रतिशत से भी अधिक भागीदारी है।
खेलों के प्रति हरियाणा के युवाओं का उत्साह निरंतर बढ़ा है। इसका श्रेय हरियाणा में समय-समय पर विभिन्न सरकारों के कार्यकाल में लागू की गई खेल नीति को जाता है। खेल नीति के तहत वर्तमान में भी पदक लाने वाले युवाओं को करोड़ों के नगद इनाम दिये जाते हैं। साथ ही ‘पदक लाओ और पद पाओ’ की नीति के तहत पदक विजेताओं को द्वितीय श्रेणी तक के पदों पर नियुक्त किया जाता है। राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले व पदक पाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान भी किया गया है। इस नीति के तहत काफी संख्या में खिलाड़ियों को नौकरी दी गई है।
प्रदेश के जिन खिलाड़ियों ने ओलंपिक में पदक जीते हैं उनमें 2008 बीजिंग ओलंपिक में विजेंद्र सिंह ने बॉक्सिंग में कांस्य पदक व सुशील कुमार ने कुश्ती में कांस्य पदक जीता। साल 2012 के लंदन ओलंपिक में हरियाणा के खिलाड़ियों सुशील कुमार ने कुश्ती में रजत पदक, कुश्ती में ही योगेश्वर दत्त ने कांस्य पदक, साइना नेहवाल ने बैडमिंटन में कांस्य पदक जीते वहीं शूटिंग में गगन नारंग ने भी कांस्य पदक जीता। इसी प्रकार टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीता, बजरंग पूनिया और रवि कुमार दोनों ने कुश्ती में कांस्य पदक जीते।
पिछले ओलंपिक की तरह इस बार भी पदकों की सबसे ज्यादा दावेदारी हरियाणा की रहने वाली है। पेरिस जाने वाले दल में सबसे अधिक हरियाणा के दो दर्जन खिलाड़ी शामिल हैं। कुश्ती और निशानेबाजी में हरियाणा के छह-छह खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। इन दोनों खेलों में सबसे ज्यादा पदकों की आशा है। वहीं, रोइंग, आर्चरी, गोल्फ में एक-एक खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। पुरुष हॉकी टीम में भी राज्य के तीन खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। एथलीटों की सूची में सबसे ऊपर नाम ओलंपिक गोल्ड विजेता नीरज चोपड़ा (गोल्डन ब्वॉय) का हैं। नीरज चोपड़ा की अगुवाई में गए भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन और बेहतर रहेगा, क्योंकि स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले स्टार खिलाड़ी उनके साथ हैं। इससे सभी एथलीटों-खिलाड़ियों का मनोबल ऊंचा होगा और वह सभी अपना बेहतर दे पाएंगे।
कुश्ती में हरियाणा के छह खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। इनमें विनेश फोगाट, अंतिम पंघाल, अंशु मलिक, रितिका हुड्डा, निशा दहिया व अमन सहरावत शामिल हैं। निशानेबाजी में मनु भाकर व रिदम सांगवान तीन अलग-अलग वर्गों में हिस्सा ले रही हैं। इनके अलावा अनीश भानवाला, सरबजोत सिंह, रमिता जिंदल, रेजा ढिल्लों निशानेबाजी में अपना दमखम दिखाएंगे।
बॉक्सिंग में हरियाणा के चार खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। इनमें प्रीति पंवार, जैसमीन, अमित पंघाल और निशांत देव शामिल हैं। इन खिलाड़ियों की तैयारियों को देखते हुए देश को उम्मीद है कि बॉक्सिंग में भी देश को पदक की दरकार रहेगी। वहीं, रोइंग में ओलंपिक का पहला कोटा दिलाने वाले बलराज पंवार भी पदक के दावेदार हैं। इसके अलावा एथलेटिक्स में किरण पहल, गोल्फ में दीक्षा डागर, आर्चरी में भजन कौर और पुरुष हॉकी टीम में हरियाणा के तीन खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। बीते दिनों प्रधानमंत्री ने भी शुभकामनाएं देकर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया है। सभी खिलाड़ियों और एथलीटों से देश को पूरी उम्मीदें हैं।