बीडीएसएचयू को परीक्षा की जिम्मेवारी
08:38 AM Jul 13, 2023 IST
हरियाणा नर्स एवं नर्स-मिडवाइव्स काउंसिल की विफलता एवं छात्राओं के बढ़ते दबाव के चलते सरकार ने पिछले 5 बरस से लटकती आ रही एएनएम-जीएनएम की परीक्षा पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विश्वविद्यालय, रोहतक (बीडीएसएचयू) से कराने का निर्णय लिया है। सरकार के इस निर्णय के बाद पिछले 4 वर्ष से परीक्षाओं की बाट जोह रही करीब 25 हजार छात्राओं को एएनएम जीएनएम छात्राओं को राहत की किरण दिखाई दी है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि पीजीआईएमएस यह परीक्षाएं कब कराएगा। मुख्यमंत्री के आदेशों के एक माह बाद भी पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विश्वविद्यालय पोर्टल शुरू नहीं कर पाया है।
उल्लेखनीय है गत मई माह में ‘दैनिक ट्रिब्यून’ ने इस मामले को ‘कैसे चढ़ें बेटियां सफलता की सीढ़ियां, जब 5 बरस से पड़ी हो परीक्षा की बेडियां’ शीर्षक से प्रमुखता से उठाया था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए हरियाणा नर्स एवं नर्स-मिडवाइव्स काउंसिल को तुरंत परीक्षा करवाने के आदेश दिए थे लेकिन उनसे टेंडर नहीं हो पाया और उन्होंने हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद करीब 1 माह पूर्व मुख्यमंत्री ने एएनएम जीएनएम और एमपीएचडब्ल्यू की परीक्षाओं की जिम्मेवारी तुरंत प्रभाव से पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय रोहतक को दे दी थी।
नर्सिंग कॉलेज एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट प्रद्युमन ने बताया कि एएनएम जीएनएम की परीक्षाएं न होने से कॉलेज संचालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि पं. बी.डी.शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक के परीक्षा नियंत्रक ने 10 जुलाई तक पोर्टल खोलने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक कोई कवायद शुरू नहीं हो पाई है।
अगले सप्ताह शुरू होगा पोर्टल : परीक्षा नियंत्रक
पं. बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंबरीश ने बताया कि 9 जून को उनके पास परीक्षा करवाने की जिम्मेवारी आई है। उन्होंने बताया कि हजारों बच्चे हैं और कई साल का डाटा अपडेट करना है जिसके चलते मुश्किल तो आ रही है लेकिन प्रयास है कि अगले सप्ताह पोर्टल शुरू कर दिया जाएगा।
हजारों छात्राओं का भविष्य अधर में
प्रदेश में एएनएम जीएनएम के कोर्स में दाखिला लेकर अपना भविष्य संवारने की चाह रखने वाली हजारों छात्राओं का भविष्य अधर में है। प्रदेश में एएनएम का कोर्स 2 साल का है और जीएनएम का कोर्स 3 साल का। करीब 6500 छात्राएं हर साल इन कोर्सों में दाखिला लेते हैं। प्रदेश नर्सिंग काउंसिल इसके एग्जाम करवाती थी। लेकिन पिछले कई साल से काउंसिल परीक्षा नहीं करवा पा रही थी। इसके चलते छात्राएं 3 साल का कोर्स पूरा करने के लिए पिछले 5 साल से इंतजार कर रही हैं लेकिन परीक्षाएं नहीं हो रही। यहां तक कि जिन विद्यार्थियों की कंपार्टमेंट आई थी उनके पेपर भी कई साल से नहीं हो रहे। मझधार में फंसे होने के कारण इनमें से बहुत सी छात्राओं ने तो कोर्स छोड़कर कोई और काम शुरू कर दिया।
Advertisement
हरीश भारद्वाज/हप्र
रोहतक, 12 जुलाई
उल्लेखनीय है गत मई माह में ‘दैनिक ट्रिब्यून’ ने इस मामले को ‘कैसे चढ़ें बेटियां सफलता की सीढ़ियां, जब 5 बरस से पड़ी हो परीक्षा की बेडियां’ शीर्षक से प्रमुखता से उठाया था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए हरियाणा नर्स एवं नर्स-मिडवाइव्स काउंसिल को तुरंत परीक्षा करवाने के आदेश दिए थे लेकिन उनसे टेंडर नहीं हो पाया और उन्होंने हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद करीब 1 माह पूर्व मुख्यमंत्री ने एएनएम जीएनएम और एमपीएचडब्ल्यू की परीक्षाओं की जिम्मेवारी तुरंत प्रभाव से पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय रोहतक को दे दी थी।
नर्सिंग कॉलेज एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट प्रद्युमन ने बताया कि एएनएम जीएनएम की परीक्षाएं न होने से कॉलेज संचालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि पं. बी.डी.शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक के परीक्षा नियंत्रक ने 10 जुलाई तक पोर्टल खोलने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक कोई कवायद शुरू नहीं हो पाई है।
अगले सप्ताह शुरू होगा पोर्टल : परीक्षा नियंत्रक
पं. बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंबरीश ने बताया कि 9 जून को उनके पास परीक्षा करवाने की जिम्मेवारी आई है। उन्होंने बताया कि हजारों बच्चे हैं और कई साल का डाटा अपडेट करना है जिसके चलते मुश्किल तो आ रही है लेकिन प्रयास है कि अगले सप्ताह पोर्टल शुरू कर दिया जाएगा।
हजारों छात्राओं का भविष्य अधर में
प्रदेश में एएनएम जीएनएम के कोर्स में दाखिला लेकर अपना भविष्य संवारने की चाह रखने वाली हजारों छात्राओं का भविष्य अधर में है। प्रदेश में एएनएम का कोर्स 2 साल का है और जीएनएम का कोर्स 3 साल का। करीब 6500 छात्राएं हर साल इन कोर्सों में दाखिला लेते हैं। प्रदेश नर्सिंग काउंसिल इसके एग्जाम करवाती थी। लेकिन पिछले कई साल से काउंसिल परीक्षा नहीं करवा पा रही थी। इसके चलते छात्राएं 3 साल का कोर्स पूरा करने के लिए पिछले 5 साल से इंतजार कर रही हैं लेकिन परीक्षाएं नहीं हो रही। यहां तक कि जिन विद्यार्थियों की कंपार्टमेंट आई थी उनके पेपर भी कई साल से नहीं हो रहे। मझधार में फंसे होने के कारण इनमें से बहुत सी छात्राओं ने तो कोर्स छोड़कर कोई और काम शुरू कर दिया।
Advertisement
Advertisement
Advertisement