Exam Preparation Strategy सही तैयारी से फिर उत्सव बनेगी परीक्षा
छात्रों को परीक्षा के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने, समय का सदुपयोग करने व दोस्तों के साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की जरूरत है। वहीं मोबाइल का सही इस्तेमाल करें। विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए खुद को तैयार करना चाहिये। परीक्षा की तैयारी के दिनों में दिनचर्या व सेहत का ध्यान रखने के साथ ही मनोरंजन भी जरूरी है।
अलका ‘सोनी’
जनवरी का महीना कई लिहाज से महत्वपूर्ण होता है। यह परीक्षा का ‘त्योहार’ भी लेकर आता है। लेकिन यह पर्व प्रायः बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी टेंशन से भर देता है। बड़े भी बच्चों पर एक तरह का दबाव बनाने लगते हैं, बेहतर प्रदर्शन करने का जो कि गलत है। जिससे परीक्षा उत्सव के बजाय प्रेशर व तनाव का पर्याय बन जाती है।
खुद से करें स्पर्धा, दूसरों से नहीं
छात्रों को परीक्षा के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने, समय का सही उपयोग करने के साथ दोस्तों संग स्वस्थ प्रतिस्पर्धा रखनी चाहिये। वहीं मोबाइल का सही तरीके से इस्तेमाल करने करें। विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए खुद को तैयार करना चाहिये व खुद से ही स्पर्धा रखें कि पहले से बेहतर हो। इम्तिहान से घबराने की जरूरत भी नहीं। परीक्षाएं सामने हों तो जरूरत से ज्यादा तनाव ले लेने के कारण ऐन वक्त पर उनकी तबियत बिगड़ जाती है और वे बेहतर प्रदर्शन करने से चूक जाते हैं। बच्चे परीक्षाओं के साथ-साथ जीवन में भी बेहतर प्रदर्शन करें इसके लिए आवश्यक है कि उन्हें परीक्षा फोबिया से दूर रखें। एग्जाम का स्वाभाविक रूप से लेना सिखाएं ताकि परीक्षा उनका दर्द न बनने पाए। वहीं आज के इस प्रतियोगिता वाले युग में यही हालत बड़ों की भी हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि कुछ बातों का ध्यान रखा जाए :
मानसिक दबाव से उबरने में बड़े करें मदद
प्रायः बच्चे परीक्षा के ठीक पहले किताबों में डूब जाते हैं। सारा दिन किताबों से चिपके रहते हैं। आनन-फानन में नोट्स याद करने लगते हैं जो गलत तरीका है। टॉपिक्स को गहराई से समझ पाएं इसके लिए उन्हें समय प्रबंधन सिखाएं। हर चीज का एक वक्त होता है यह जानने के लिए पैरेंट्स उन्हें प्रेरित करें। सारा दिन किताबों में डूबने की जगह उनके पढ़ने के लिए एक रूटीन बनाने को कहें। जिससे सारे विषय कवर हो जायेंगे।
नये प्रयोग करने से बचें
परीक्षाओं का शुरू होना विद्यार्थियों में एक रोमांच भर देता है। पर्याप्त कपड़े पहनने व सही खाने,जैसी बातों पर वो ध्यान नहीं देते। नतीजा इसी से कई बार उनका स्वास्थ्य और मूड दोनों खराब हो जाते हैं। कई बार नए कपड़े पहन वो एग्जाम देने चले जाते हैं जिसकी फिटिंग्स सही नहीं होने के कारण उन्हें पूरा दिन अस्त व्यस्त महसूस होता है। ध्यान भटक जाता है। ठीक इसी तरह कुछ उल्टा सीधा खा लेने से उनकी सेहत भी बिगड़ जाती है। जिसका सीधा असर परीक्षा पर पड़ता है।
कुछ समय मनोरंजन के लिए भी
परीक्षाओं के तनाव से बचने के लिए यह भी आवश्यक है कि बच्चे मानसिक तनाव से दूर रहें। ऐसे में पढ़ाई के साथ-साथ मनोरंजन के लिए भी वे समय निकालें। यह ठीक है कि परीक्षा सामने है तो ज्यादा टाइम गप-शप या मूवी देखने में नहीं दे सकते हैं।
रिपोर्ट कार्ड को ना बनाएं स्टेटस सिंबल
कई अभिभावकों की यह आदत होती है कि वे अपने बच्चों की पढ़ाई और गतिविधियों के बारे में बढ़ा-चढ़ाकर बातें करते हैं। जो कि गलत है। इससे बच्चों पर एक तरह का मानसिक दबाव बनता है। ज़्यादा मार्क्स पाने का। कभी- कभी उन पर बना यह दबाव उन्हें गलत कदम उठाने के लिए भी मजबूर कर देता है। परीक्षाएं कैरियर और बहुत हद तक जीवन को एक आकार प्रदान करती हैं। इसलिए इनकी तैयारी बहुत योजनाबद्ध तरीके से करनी चाहिए लेकिन अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा भी कई बिंदु हैं जिनका ध्यान रखने की जरूरत होती है :
अच्छे दोस्त बनाएं
बच्चों का ध्यान पढ़ाई से न भटके इसके लिए यह जरूरी है कि वे अच्छे दोस्त बनाएं। गलत संगति उनका ध्यान भटका सकती है। तो ऐसे बच्चों से दोस्ती की जाए जिनके साथ ग्रुप डिस्कशन और नोट्स की साझेदारी भी की जा सके।
तय करें स्क्रीन टाइम
कई शोधों से यह सिद्ध हो चुका है कि ज्यादा स्क्रीन ऑवर आंखों पर गलत असर डालते हैं। विद्यार्थियों के लिए यह जरूरी है कि उनकी आंखें स्वस्थ रहें। इसलिए उन्हें अपना स्क्रीन टाइम नियंत्रित करने की जरूरत है। ज्यादा मोबाइल या लैपटॉप की स्क्रीन देखने से उनकी आंखों के खराब होने का डर भी रहता है। सोने के पहले तो इनका बिल्कुल प्रयोग न करें।
मानसिक शांति बनाए रखना अहम
आम तौर पर जब परीक्षा सामने होती है तो विद्यार्थियों के ऊपर हर तरफ से दबाव बनाया जाता है। एग्जाम है, पढ़ो, एग्जाम है, पढ़ो! और विद्यार्थी सब कुछ भूल कर आधी रात तक जागकर पढ़ाई करते हैं। इन सबसे बचने के लिए यह जरूरी है कि उनका मानसिक स्वास्थ्य बना रहे। इसके लिए मेडिटेशन , संतुलित भोजन और पर्याप्त नींद लेना जरूरी है।