नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (एजेंसी)EVM जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने सहयोगी के साथ टकराव के एक और मुद्दे को छेड़ते हुए कांग्रेस की ईवीएम पर तीखी आपत्ति को खारिज कर दिया और एक तरह से भाजपा के रुख को दोहराते हुए कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि जब आप चुनाव जीतें तो परिणाम स्वीकार कर लें और जब हार जायें तो ईवीएम पर दोष मढ़ दें।जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस पार्टी से कहा है कि वह ईवीएम को लेकर शिकायतें करना बंद करे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को चुनाव परिणाम स्वीकार करने चाहिए। परिवारवाद की राजनीति को लेकर भाजपा की आलोचना को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीतिक परिवार से जुड़ा होना आजीवन सफलता की कुंजी नहीं है। उमर ने साथ ही प्रश्न किया कि सत्तारूढ़ पार्टी अपने सहयोगी उन दलों के समक्ष इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाती, जिन पर परिवारवाद को कायम रखने के आरोप लगाए जा सकते हैं।अब्दुल्ला ने शुक्रवार को एक विशेष साक्षात्कार के दौरान यह बात कही। दरअसल, उनसे प्रश्न किया गया था कि क्या उनके परिवार की चौथी पीढ़ी राजनीति में आएगी और क्या इससे उन्हें कांग्रेस पार्टी और अन्य विपक्षी दलों की तरह परिवार की राजनीति को जारी रखने के लिए नए सिरे से आलोचना का सामना करना पड़ेगा। अब्दुल्ला (54) के दोनों बेटे जमीर और जहीर वकील हैं। अब्दुल्ला ने कहा, ‘वे जो भी स्थान चाहते हैं, उन्हें उसे खुद तैयार करना होगा। उन्हें तश्तरी में रखकर कोई कुछ नहीं देगा।' उमर के दादा शेख अब्दुल्ला को स्वतंत्रता के बाद के जम्मू कश्मीर राज्य का संस्थापक माना जाता है। उनके पिता फारूक अब्दुल्ला दशकों तक मुख्यमंत्री रहे और उमर अब्दुल्ला अक्तूबर में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं। उमर अब्दुल्ला को इस वर्ष की शुरुआत में हुए आम चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।