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देखकर हर कोई हैरान, वक्त सबसे बड़ा सुल्तान

07:13 AM May 07, 2024 IST
देखकर हर कोई हैरान  वक्त सबसे बड़ा सुल्तान
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आलोक पुराणिक

घर के किसी कोने में देखिये कोरोना काल में प्रयुक्त होने वाला मास्क पड़ा होगा उपेक्षित टाइप।
मास्क का हाल भी रिश्तों जैसा है इन दिनों, जो यूज न होते, उन्हें कोने में डाल दिया जाता है।
कोरोना जाने का नाम वैसे ले नहीं रहा है। खबर है कि कोविशील्ड का टीका जिन्होंने लिया, उन्हें खतरा है। खतरा तो साहब उनको भी है, जिन्होंने कोविशील्ड न लेकर कोई और डोज लिया है। भारत भूमि खतरों के खिलाड़ियों की भूमि है, गर्मी में जो लू से न मरेंगे, वह बरसात में बाढ़ से मरने के खतरे में हैं। बरसात से बच लिये तो सर्दी मार सकती है।
मास्क की तरह उपेक्षित न रहिये ऐसे बनिये कि आपकी जरूरत किसी को हमेशा महसूस हो। आक्सीजन बनिये कि उसके बिना जीना संभव न हो। खैर, कोरोना मास्क का हाल अब मार्गदर्शक मंडल के नेताओं जैसा हो गया है।
कोरोना मास्क सुल्तान हुआ करता था एक वक्त कपड़ों का। सूट-बूट सब चकाचक पहनकर भी कोरोना मास्क पहनना जरूरी हुआ करता था। बल्कि एक वक्त तो हालत तो यह हो गयी कि बंदा सब कुछ पहना भूल जाये पर मास्क जरूर पहनना होता था। सच्चाई यह है कि वक्त से बड़ा सुल्तान और कोई नहीं है।
बस डर यह है कि कोरोना फिर कभी लौट न आये। नागिन सीजन वन, नागिन सीजन टू, नागिन सीजन थ्री, नागिनों के कई सीजन पब्लिक को झेल सकती है। कोरोना के नया सीजन न झेल सकती पब्लिक। चुनाव के कई सीजन भी पब्लिक झेल जाती है। चुनाव चालू हैं, पब्लिक और भी ज्यादा चालू है। पब्लिक ऐसे-ऐसे जवाब दे रही है टीवी चैनल रिपोर्टरों को कि ताड़ना मुश्किल है कि पब्लिक के मन में क्या है। एक टीवी रिपोर्टर ने हाल के विधानसभा चुनाव में एक कांस्टीचुएंसी में सौ लोगों से बात की, सब के सब कह रहे थे कि वह वाला कैंडिडेट जीतेगा। टीवी रिपोर्टर ने चुनाव आयोग से पहले घोषित कर दिया कि वह वाला नेता पक्के तौर पर ही जीतेगा। पर जब रिजल्ट आये तो उस कैंडिडेट को तीन वोट मिले थे, जबकि उसके घर में पंद्रह लोग थे। चुनावी कवरेज को इन दिनों खबरों के तौर पर नहीं, मनोरंजन के तौर पर देखा जाना चाहिए।
खबर आयी कि पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान विदेशी प्रकाशनों में पाकिस्तान के खिलाफ लेख लिख रहे हैं। पाकिस्तान के नेता पढ़े-लिखे हैं, यह बात साबित करना चाहते हैं। हालांकि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। पाकिस्तान में पढ़ाई-लिखाई का एक प्रयोग यह होता है कि पाक अफसर नेता बेहतरीन इंग्लिश लिखकर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, वर्ल्ड बैंक से भीख मांग सके।

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