आम से लेकर खास आदमी को बॉर्डर खुलने का इंतजार
हरेंद्र रापड़िया/हप्र
सोनीपत, 19 फरवरी
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के दिल्ली कूच के ऐलान के बाद से सील किये कुंडली-सिंघु बॉर्डर के खुलने
को लेकर आम से लेकर खास को उम्मीद थी कि रविवार रात को मंत्रियों और किसानों नेताओं की बैठक के बाद कुछ हल निकल जायेगा। लेकिन बैठक में सहमति न बनने और मांग न मानने पर अब किसानों ने 21 फरवरी को दिल्ली जाने की चेतावनी दे डाली है। जिससे उद्योगपतियों से लेकर व्यापारियों, नौकरीपेशा और आसपास के लोगों का इंतजार फिर बढ़ गया है। हाईवे के 7 दिन से बंद होने के चलते वाहन चालक दिल्ली जाने को कुंडली, जांटी, सिंघु और दहिसरा की गलियों में भटक रहे हैं। अब कुंडली, नाथूपुर, राई व आसपास की करीब साढ़े 5 हजार से अधिक फैक्टरियों में उत्पादन प्रभावित हो रहा है।
कुंडली-सिंघु बॉर्डर बंद रहने से कच्चा माल मिलने और तैयार भेजने में दिक्कत हो रही है। कच्चा माल पहुंचने में देरी से यहां हालत बिगड़ रहे हैं। अब उद्योगपतियों का सब्र टूटने लगा है। उनका कहना है कि अभी तक स्पष्ट नहीं हो पा रहा कि आखिर बॉर्डर कब खुलेगा। बताया जा रहा है कि सप्ताह में अब तक कुंडली व आसपास के लघु उद्योगों को 800 करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है। बॉर्डर बंद रहा तो यह नुकसान बढ़ता ही जायेगा। यही कारण है कि अब व्यापारियों, उद्योगपतियों व दुकानदारों में रोष बढ़ रहा है। जिला व्यापार मंडल ने भी चेतावनी दे दी है कि अगर बॉर्डर को शीघ्र नहीं खोला गया तो फिर व्यापारी भी सड़क पर उतर सकते हैं।
ट्रांसपोर्टर भी झेल रहे नुकसान
ट्रांसपोर्टर का कहना है कि उन पर दोहरी मार पड़ रही है। लंबे फेर व लिंक मार्गों में गड्ढों के कारण गाड़ियों में नुकसान हो रह रहा है, साथ ही खर्च भी दोगुना हो गया है। वहीं, माल लेट होने या नहीं पहुंचने के कारण पार्टियां नाराज हो रही हैं। अनुबंध टूट रहे हैं। ऐसे में कैसे काम जारी रहेगा। ट्रांसपोर्टर कृष्ण ने बताया कि उनकी गाड़ियां माल लेकर निकलती हैं तो क्षतिग्रस्त होकर ही लौटती हैं।
शादी व अन्य समारोह प्रभावित
कुंडली-सिंघु बॉर्डर बंद रहने से दिल्ली क्षेत्र से हरियाणा क्षेत्र में पहुंचने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। यहां तक कि खरीदारी तक नहीं हो पा रही। सोनीपत से दिल्ली में नौकरी या व्यापार करने को भी काफी लोग जाते हैं। इन सबका कामकाज व ड्यूटी खतरे में पड़ रही है। वहीं शादी समारोह में बॉर्डर पार जाना सबसे बड़ी मुसीबत बन चुका है। कुंडली, जांटी, सिंघु व दहिसरा से निकल रहे रास्तों पर लंबा जाम लग जाता है। खासकर बड़े वाहन आने पर रात को स्थिति विकट हो जाती है। राहत देने को खोले गए सफियाबाद व नरेला रोड पर भी वाहनों की कतार लग रही है।
जिला व्यापार मंडल में बढ़ रहा रोष
जिला व्यापार मंडल के प्रधान संजय सिंगला ने कहा कि कुंडली बार्डर सील होने से कुंडली, राई व अन्य औद्योगिक क्षेत्रों को नुकसान हो रहा है। साथ ही टिकरी बॉर्डर बंद होने से बहादुरगढ़, झज्जर के उद्योग व व्यापार प्रभावित हो रहे हैं। अब किसान शंभू बॉर्डर से परे ही हैं तो फिर कुंडली व टिकरी बॉर्डर बंद रखने का क्या औचित्य है। पुलिस व अर्धसैनिक बल बढ़ाकर बॉर्डर को खोला जा सकता है। सरकार शीघ्र ही बॉर्डर को नहीं खोलती तो व्यापारी भी सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।