सर्दी भी ठिठुरती यूं कहे... सचमुच अबला नहीं हो तुम
शमीम शर्मा
ठंड के मौसम में जिनकी शादी हो गई उन्हें बधाई दीजिये और जिनकी नहीं हुई उन्हें रजाई दीजिये। विवाह में बाराती क्यूं जाते हैं- इस सवाल का जवाब देते हुए किसी मनचले का कहना है कि किसी के सुख में जाओ न जाओ पर बंधन की शुरुआत में जरूर शामिल होना चाहिए। शादी का जिक्र है तो यह रहस्य भी बता दिया जाये कि महिलायें पुरुषों की तुलना में अधिक सहनशील और बलशाली होती हैं। सर्दियों में शादी में शामिल होकर इस निष्कर्ष की पुष्टि हो जाती है। कंपकंपाती सर्दी में शादी में जाकर यूं लगता है कि आदमी तो कुल्लू-मनाली में खड़े हैं और औरतें कुरुक्षेत्र-कैथल में। पुरुष तो पूरे सूट-बूट में नजर आते हैं, जबकि महिलाएं चंद कपड़ों में।
दुनिया के सारे सुख एक तरफ और सर्दियों में सुबह उठकर एक बार फिर से सोने का सुख एक तरफ। सर्दियों में वह समय नज़दीक आ जाता है सुबह उठते ही एक मुश्किल निर्णय लेना ही पड़ता है कि आज नहाया जाये या नहीं। सर्दियों में नहाने के लिये और विशेषतः ठंडे पानी से नहाने के लिये तीव्र दृढ़इच्छा शक्ति की सख्त जरूरत होती है। एक गाना है ः ठंडे-ठंडे पानी से नहाना चाहिये, गाना आये या ना आये गाना चाहिये। यह गीत जरूर उस आदमी ने लिखा होगा जिसका सर्दियों से पाला नहीं पड़ा होगा। आजकल अपने इधर अगर कोई बाथरूम में फिल्मी गीत गुनगुनाये तो समझ जाइये कि गीजर के गर्मागर्म पानी में नहा रहा है और अगर भजन गा रहा है तो समझ लो पानी ठंडा है। ठंडे पानी का पहला लोटा जब बदन पर उड़ेलते हैं तो एक बार रूह निकलती-सी लगती है। देह सुन्न हो जाती है। ठिठुरन से दंतोड़ी बंध जाती है। इसके बाद व्यक्ति लाउड मोड में आ जाता है और फिर नहाने के बाद वाइब्रेट मोड में पहंुच जाता है। ठंडे पानी से नहाने वालों को ‘सर्दीवीर’ का खिताब तो देना बनता है। कोई माने या न माने पर यह सत्य है कि ठंडे पानी से नहाना अद्भुत हिम्मत का काम है। एक आस्तिक की टिप्पणी है कि ठंडे पानी की दुआ मांगी थी गर्मियों में, पर कबूल हुई है सर्दियों में। इसे ही कहते हैं कि भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं। ईश्वरीय अनुकम्पा से कइयों की तो शक्ल ऐसी होती है कि पांच-सात दिन न भी नहायें तो नहाये से लगते हैं।
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एक बर की बात है अक ब्याह मैं फेरां के टैम सुरजे पंडित नैं दूल्हे का हाथ दुल्हन के हाथ मैं थमा दिया तो एक टाब्बर बोल्या- ये दोन्नूं हाथ क्यां खात्तर मिलावै हैं तो छोरे का ताऊ बोल्या- बेट्टा! अखाड़े मैं उतरण तैं पहल्यां पहलवान एक बर हाथ मिलाया करैं।