कसाब तक को निष्पक्ष सुनवाई का मौका मिला, तिहाड़ में ही बनाएं कोर्ट
नयी दिल्ली, 21 नवंबर (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक के खिलाफ अपहरण मामले में सुनवाई करते हुए बृहस्पतिवार को टिप्पणी की कि अजमल कसाब को भी ‘हमारे’ देश में निष्पक्ष सुनवाई का मौका मिला था। न्यायालय ने यह भी संकेत दिया कि वह इस मामले में सुनवाई के लिए तिहाड़ जेल में एक अदालत कक्ष स्थापित कर सकता है। जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ जम्मू की एक निचली अदालत के 20 सितंबर, 2022 के आदेश के खिलाफ सीबीआई की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे मलिक को तत्कालीन गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण मामले में अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह के लिए प्रत्यक्ष रूप से पेश होने का निर्देश दिया गया था। पीठ ने हालांकि कहा, ‘ऑनलाइन माध्यम से जिरह कैसे की जाएगी? जम्मू में शायद ही कोई कनेक्टिविटी है...हमारे देश में अजमल कसाब को भी निष्पक्ष सुनवाई का मौका दिया गया था और उसे उच्च न्यायालय में कानूनी सहायता दी गई थी।’