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देश के बंटवारे के बाद भी मेहनती लोगों ने बनाई पहचान : नायब सिंह

07:27 AM Aug 15, 2024 IST
कुरुक्षेत्र में बुधवार को सूचना जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग की राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का अवलोकन करते मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, राज्यमंत्री सुभाष सुधा। -हप्र

कुरुक्षेत्र, 14 अगस्त (हप्र)
भारत-पाक बंटवारे के बाद समाज के लोगों ने अपनी मेहनत और लगन के साथ अपनी पहचान बनाई, लेकिन इस समाज के लोगों के दिलों में आज भी भारत-पाक बंटवारे की त्रासदी देखी जा सकती है। अहम पहलू यह है कि इस समाज के लोग देश और प्रदेश के विकास में अपना अहम योगदान दे रहे हैं और सूचना जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग की प्रदर्शनी का एक-एक चित्र समाज के लोगों पर बंटवारें के समय का दर्द स्पष्ट देखा जा सकता है।
ये विचार मुख्यमंत्री नायब सिंह बुधवार को सूचना जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग की राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का उदघाटन करने के दौरान व्यक्त कर रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री, राज्यमंत्री सुभाष सुधा, शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा, पंचनद स्मारक ट्रस्ट के संरक्षक महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव महाराज, पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने सूचना जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग की राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का उदघाटन कर प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस दौरान राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने प्रदर्शनी में दिखाए गए चित्रों के बारे में विस्तार से जानकारी भी दी है।
सूचना जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के अतिरिक्त निदेशक रणवीर सांगवान ने कहा कि 27 पैनल पर भारत का विभाजन अभूतपूर्व मानव विस्थापन और मजबूरी में पलायन की दर्दनाक कहानी को बयां कर रहे है। इस प्रदर्शनी में दर्शाया गया है कि लगभग 60 लाख गैर-मुसलमान उस क्षेत्र से निकले और बाद में पश्चिमी पाकिस्तान बन गया, 65 लाख मुसलमान पंजाब, दिल्ली आदि के भारतीय हिस्सों से पश्चिमी पाकिस्तान में चले गए। 20 लाख गैर-मुसलमान पूर्वी बंगाल, जो बाद में पूर्वी पाकिस्तान बना, से निकलकर पश्चिम बंगाल आए। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में यह भी दिखाया गया कि 20 लाख ओर गैर मुसलमान पश्चिमी बंगाल आए, 10 लाख मुसलमान पश्चिमी बंगाल से पूर्वी पाकिस्तान चले गए। इस विभीषिका में मारे गए लोगों का आंकड़ा 5 लाख बताया जाता है, लेकिन अनुमानत यह आंकड़ा 5 लाख से 10 लाख के बीच है। इसमें 1947 के अखबारों की कटिंग और अन्य दृश्यों को भी देखा जा सकेगा। इस मौके पर हैफेड के चेयरमैन कैलाश भगत, उपायुक्त सुशील सारवान, पुलिस अधीक्षक जेएस रंधावा, पूर्व मंत्री कर्णदेव काम्बोज, नगर परिषद की निर्वतमान अध्यक्षा उमा सुधा, भाजपा के जिलाध्यक्ष सुशील राणा, भाजपा के वरिष्ठ नेता राहुल राणा, जिप उपाध्यक्ष डीपी चौधरी, चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, चेयरमैन धर्मवीर डागर, भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष साहिल सुधा, उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच, रविन्द्र सांगवान, रामपाल पाली, प्रदीप झाब, धीरज गुलाटी, तजेन्द्र गोल्डी सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।

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मसाना में बन रहा विश्व स्तरीय शहीदी स्मारक

बंटवारे के समय जिन लोगों ने नरसंहार की त्रासदी को झेला उनकी पीड़ा को कभी भुलाया नहीं जा सकता। स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया गया और इसी कड़ी में आज हरियाणा सरकार ने इस दिन को संत-महापुरुष विचार सम्मान एवं प्रसार योजना के तहत राज्य स्तरीय कार्यक्रम के रूप में मनाने की शुरुआत कुरुक्षेत्र से की है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को कुरुक्षेत्र में पंचनद स्मारक ट्रस्ट कुरुक्षेत्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि के रूप में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने भारत के विभाजन के बाद हुए रक्तपात में मारे गए पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाजन की इन्हीं यादों को बनाए रखने और नई पीढियों को आपसी प्यार व सद्भाव की सीख देने के लिए गांव मसाना में देश का विश्व स्तरीय शहीदी स्मारक बनाया जा रहा है। इस स्मारक पर लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके लिए पंचनद स्मारक ट्रस्ट ने 25 एकड़ भूमि सरकार को दान के रूप में दी है। मुख्यमंत्री ने स्मारक के लिए अपने स्वैच्छिक कोष से 51 लाख रुपये के अनुदान देने की घोषणा की। इसी तरह झज्जर में भी एक स्मृति चौक बनाया गया है। इस मौके पर पंचनद स्मारक ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी धर्मदेव महाराज ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री व हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा स्वामी ज्ञानानंद का संदेश भी पढ़कर सुनाया गया। इस अवसर पर शिक्षा राज्य मंत्री सीमा त्रिखा, विधायक लक्ष्मण नापा, घनश्याम दास अरोड़ा, पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर, महंत चरणदास, तरूण दास महाराज, महंत महेशगिरि सहित पंचनद स्मारक ट्रस्ट के सभी पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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