प्रधान सचिव के निरीक्षण के बाद भी नहीं सुधरी मंडी में व्यवस्था
कालांवाली, 12 अक्तूबर (निस)
प्रधान सचिव विजयेंद्र कुमार के कालांवाली में धान खरीद का निरीक्षण कर दिए दिशा-निर्देश के बावजूद मंडी में व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही। इसी कड़ी में मजदूरों ने शनिवार को भी अपना कामकाज ठप रखा और धरने के दौरान सरकार व प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए रोष व्यक्त किया। मजदूरों ने प्रशासिनक अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि मंडी में अधिकारी कार्रवाई करने नहीं बल्कि अपनी सेटिंग करके मुनाफा कमाने आते है। मंडी में उपमंडल अधिकारियों, मार्केट कमेटी अधिकारियों, खरीद एजेंसी के अधिकारियों की मिलीभगत से सरकार, मजदूर व किसानों के साथ गड़बड़ी का खेल लगातार जारी है।
शैलर संचालकों द्वारा राजस्थान व अन्य राज्यों से 1600 से 1800 रुपये में खरीद करके मंडी में उतरवाया हुआ धान ही सरकार को फर्जी पंजीकरण के माध्यम से बेचकर सीधे तौर पर मोटा मुनाफा कमाया जा रहा है। साथ में मंडी में धान के पास कोई किसान नहीं होता और न ही धान में पंखा लगाया जा रहा है। मंडी में बिना सफाई व बिना झराई के धान बैगों में भरा जा रहा है।
मजदूर यूनियन के प्रधान मुकेश कुमार, प्रधान केवल, सुखदेव डाबला, रमेश, सूरजभान, चन सिंह, सन्नी, सोमनाथ, चांदी राम व अन्यों ने बताया कि मंडी में धान की खरीद में मजदूर बेरोजगार हो गया है। त्योहार के दिनों में भी मजदूर को दो वक्त की रोटी के लाले पड़े हुए हैं। सरकार की तरफ से मजदूरों के लिए 17 रुपये प्रति बैग मजदूरी का नियम है, लेकिन मंडी में बाहरी मजदूरों से 2 रुपये बैग में काम करवाया जा रहा है।
मजदूरों ने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक मजदूरों को काम नहीं दिया जाता, तब तक मजदूरों का धरना जारी रहेगा और बाहरी मजदूरों को काम नहीं करने दिया जाएगा। यदि सरकार व प्रशासन ने कोई सुनवाई नहीं की तो वे रोड जाम करके अपना रोष प्रदर्शन करेंगेे।
अपने स्तर पर करेंगेे जांच और होगी सख्त कार्रवाई : डीएमईओ
डीएमईओ राहुल कुंडू ने बताया कि कालांवाली में मार्केट कमेटी सचिव और डीएफएसी मौके पर हैं और मजदूरों की समस्या दूर करवाने का प्रयास कर रहे हैं। वे मंडी में फर्जी पंजीकरण को लेकर हर गेट पास की वेरीफिकेशन करवा रहे हैं। कल भी प्रधान सचिव और डीसी सिरसा ने निर्देश दिए थे कि वे नियमानुसार धान की खरीद करें। मजदूरों के द्वारा जिन अधिकारियों पर मिलीभगत के आरोप लगाए गए थे, वे अधिकारी ही मामले की जांच कर रहे के सवाल का जवाब देते हुए डीएमईओ राहुल कुंडू ने बताया कि आज भी 12 शैलरों की जांच करवाई गई है। यदि ऐसा है तो वे अपने स्तर पर भी शैलरों की जांच कर लेते हैं। यदि कुछ गलत पाया जाता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मजदूरों ने लगाए गंभीर आरोप
मजूदर सागर ने उच्चाधिकारियों के निरीक्षण के दौरान लिए गए धान के सैंपल पर भी सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा कि प्रशासनिक अधिकारी भी शैलर संचालकों व आढ़तियों से मिले हुए हैं। प्रधान सचिव के सामने लिए गए धान के सैंपल के दौरान उन धान के बैगों की वीडियो बनाई जा रही थी, जिनकी नमी 17 प्रतिशत तक आती थी। उन बैगों की वीडियो नहीं बनाई जा रही थी, जिनमें नमी की मात्रा कहीं ज्यादा आ रही थी और जिसमें साफ-सफाई नहीं थी।