कैथल में 5 दिन बाद भी मंत्री के आदेशों का पालन नहीं
कैथल, 17 दिसंबर (हप्र)
कैथल में शुक्रवार को हुई जिला कष्ट निवारण समिति की मीटिंग के दौरान परिवहन मंत्री अनिल विज ने कैथल में नगर परिषद के एक्सईएन समेत पांच विभागों के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए थे। इन पर आरोप था कि इन अधिकारियों ने प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा किया गया 20 लाख रुपये का जुर्माना नहीं भरा था। 5 दिन बीत जाने के बाद भी इन पांचों अधिकारियों में से किसी के खिलाफ भी कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई और न ही कोई कार्रवाई हुई है। अधिकारी डीसी कार्यालय से जिला कष्ट निवारण समिति की कार्रवाई के दौरान आदेशों की प्रति न मिलने की बात कह रहे हैं।
दूसरी ओर संबंधित तीन विभागों ने आनन-फानन में जुर्माने की राशि जमा करवा दी है, दो विभागों ने अभी तक किसी प्रकार के जुर्माने की राशि जमा नहीं करवाई है। जुर्माने की राशि जमा करवाने वालों में नगर परिषद ने दो लाख 12 हजार रुपये, सिविल अस्पताल ने दो लाख 45 हजार रुपये और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने तीन लाख 15 हजार रुपये जमा करवाए हैं। इनके अलावा जन स्वास्थ्य विभाग और पंचायत विभाग की तरफ से अभी तक कोई भी राशि जमा नहीं करवाई गई है।
कैबिनेट मंत्री अनिल विज के सामने ग्योंग ड्रेन में गंदा पानी डालने का मामला उठा था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से नवंबर के पहले सप्ताह में इस मामले में पांच सरकारी विभागों पर कार्रवाई की थी। बोर्ड ने सभी विभागों पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। जिस विभाग की तरफ से ग्योंग ड्रेन में जितना गंदा पानी डाला जा रहा था, उसके हिसाब से ही जुर्माना तय किया गया था।
बोर्ड की ओर से संबंधित विभागों को 15 दिनों तक जुर्माने की राशि भरने के आदेश दिए थे। इसमें कहा गया था कि अगर उनके द्वारा जुर्माना नहीं भरा गया तो बोर्ड की तरफ से संबंधित विभाग के अधिकारी पर केस दर्ज करवाया जाएगा। इसके बाद मंत्री अनिल विज ने इन विभागों के अधिकारियों के खिलाफ जुर्माने के साथ एफआईआर दर्ज करने के भी आदेश दिए गए थे।
अधिकारी बोले नहीं मिले आदेश, डीएसपी बोले नहीं मिली शिकायत
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के उपमंडल अधिकारी सतीश कुमार ने बताया कि अभी तक उनके कार्यालय में डीसी कार्यालय की तरफ से मीटिंग के दौरान दिए गए आदेशों की प्रति नहीं पहुंची है। मीटिंग की प्रोसीडिंग के जो भी आदेश आएंगे, उसी अनुसार आगामी कार्रवाई की जाएगी। अभी तक तीन विभागों द्वारा जुर्माना राशि भरी गई है। डीएसपी मुखयालय बीरभान ने बताया कि अभी तक प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से उन्हें कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। जैसे ही उनके पास कोई शिकायत आएगी उस संदर्भ में तुरंत संबंधित विभागों के जिम्मेवार अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया जाएगा।