बढ़ोतरी के हकदार
हरियाणा सरकार द्वारा सफाई कर्मियों के वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी की घोषणा सही मायनों में सामाजिक न्याय की दिशा में एक रचनात्मक पहल ही कही जाएगी। समाज के वंचित वर्ग को समतामूलक समाज का हिस्सा बनने का बराबर हक है। बेहतर होता कि मनोहर सरकार की पारी की शुरुआत में इस समाज की आकांक्षाएं पूर्णता को अग्रसर होती। बहरहाल, इस वर्ग को हरियाणा दिवस से ठीक पहले एक तोहफा मिला है। कहा जा रहा है कि सफाई कर्मियों की दिवाली की छटा निखर जाएगी। अच्छी बात यह है कि वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी शहरी व ग्रामीण कर्मचारियों के लिये समान रूप से लागू होगी। मानदेय में वृद्धि के अलावा सफाई कर्म में काम आने वाले उपकरणों आदि के लिये भत्तों में वृद्धि भी की गई है। हाल के दिनों में मनोहर सरकार ने कई कल्याणकारी योजनाओं की घोषणाएं की हैं। जिनसे समाज के विभिन्न वर्गों को लाभ मिलेगा। निस्संदेह, किसी भी वर्ग के कर्मचारियों को सरकार की तरफ से आर्थिक संबल मिलता है तो उनकी कार्यशैली में उत्साह आता है। उस वर्ग को लगता है कि उसके काम को पहचान मिली है। कुछ लोग कह सकते हैं कि यह उपक्रम चुनावी वेला में जारी हैं,लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि रचनात्मक पहल का स्वागत हर समय किया जाना चाहिये। इससे पहले भी हरियाणा सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं व शहरी स्थानीय निकायों मसलन नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिका के जनप्रतिनिधियों के मानदेय में दो गुणा इजाफा किया था।
वहीं दूसरी ओर पिछले दिनों राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों के डीए में केंद्र सरकार की तर्ज पर चार फीसदी की वृद्धि की थी। इसके साथ ही सत्याग्रहियों की पेंशन भी बढ़ाई गई थी। इतना ही नहीं, राज्य के शहरों की 190 कालोनियों को नियमित किया गया था। निस्संदेह, इन लोगों की एक दिवाली, आने वाले पर्व दीपोत्सव से पहले ही आ गई है। हमारे जीवन में छोटे-छोटे सुख खासे मायने रखते हैं। देश-राज्य कोरोना संकट से उबरकर सामान्य जीवन की राह चले हैं। भारत जैसे पर्व-त्योहारों के देश में जब सोशल डिस्टेंसिंग की बात की जाती थी तो ये पर्व-त्योहार बेमाने हो जाते थे। इन तमाम घोषणाएं के भले ही राजनीतिक निहितार्थ बताए जा रहे हों, लेकिन समाज के अंतिम व्यक्ति तक व्यवस्थाजनित लाभ पहुंचने ही चाहिए। खासकर हमारे वंचित समाज से आने वाले सफाई कर्मियों के लिये निस्संदेह यह सकारात्मक पहल है। उनका इस समाज में इतना महत्वपूर्ण योगदान है कि हम उसकी पूर्ति नहीं कर सकते। निस्संदेह, इससे समाज में चलाये जा रहे स्वच्छता मिशन को भी गति मिलेगी। सामाजिक न्याय की अवधारणा को मूर्त रूप देने की दिशा में पहल होगी। राजग सरकार के कार्यकाल में प्रधानमंत्री से लेकर मंत्री तक, जिस तरह स्वच्छता मिशनों में झाड़ू का उपयोग करते रहे हैं, उससे हमारे सफाई कर्मियों का मनोबल जरूर बढ़ा होगा, कि वे एक महत्वपूर्ण कार्य के जरिये समाज व देश की सेवा कर रहे हैं। निस्संदेह, स्वच्छता मिशन में हर भारतीय की भागीदारी जरूरी है क्योंकि सफाई का सीधा रिश्ता हमारे स्वास्थ्य से भी है।