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रिमझिम का लुत्फ जरा सावधानी के साथ

10:31 AM Jul 17, 2024 IST
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रिमझिम फुहारों के इस मौसम का अलग ही आनंद है। लेकिन इस मौसम में कुछ एहतियात भी जरूरी हैं। मसलन, नहाने के बाद तुरंत सूखे कपड़े पहनें, ड्राइविंग सावधानी से करें व बाहर खाने-पीने से भी बचें।

मधु सिंह

मानसून का मौसम अपने साथ जहां मन को खुश करने के लिए ढेर सारी खुशियां लाता है, वहीं इस मौसम में जरा सी असावधानी से कई तरह की परेशानियां पैदा हो जाती हैं। इसलिए अगर बरस रही बूंदों का आनंद लेना है, तो आपको इस मौसम में कुछ सावधानियां बरतनी ही होंगी। मसलन बारिश के मौसम में जब भी भीगने का मन करे, तो पहले ये सुनिश्चित कर लें कि नहाने या कुछ देर भीगने के बाद अच्छे से अपने बदन को पोंछकर सूखे कपड़े पहनेंगी। अगर कहीं रास्ते में हैं तो भीगने का लालच न पालें। क्योंकि एक बार भीग गईं और कई घंटों तक भीगे कपड़ों में रहना पड़ा तो लेने के देने पड़ सकते हैं। जितना आनंद नहीं किया, उससे ज्यादा तबीयत खराब होने पर सजा भुगतनी पड़ सकती है।

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नाखूनों की सफाई

वैसे तो किसी भी मौसम में हाथों के नाखूनों को नहीं बढ़ाना चाहिए और बढ़ाएं तो हर दिन सफाई करनी चाहिए। मगर बारिश के मौसम में तो अतिरिक्त सावधान रहकर इन नाखूनों को बढ़ने देने से रोकना चाहिए। क्योंकि इन दिनों हर तरफ बारिश के कारण मिट्टी गीली होती है, तो जरा सा कहीं पर हाथ लगता है, तो नाखूनों में गंदी मिट्टी भर जाती है। बाद में उन्हीं हाथों से खाने आदि के कारण वह मिट्टी आपके पेट में चली जाती है और आपके बीमार होने का खतरा बना रहता है।

गीले बालों को नहीं बांधें

अगर आपके छोटे बच्चे हैं, तब तो यह रिस्क कतई न लें। अगर बारिश के दिनों में भीग गई हैं या बालों को खुद ही धोया है तो कभी भी उन्हें गीले में बांधना नहीं चाहिए। इससे कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां खड़ी हो सकती हैं। बालों के भी खराब होने का खतरा रहता है। बहुत उमस में बांधे गये गीले बाल खूब बदबू भी देने लगते हैं।

जूते पहनने में सावधानी

बारिश के मौसम में जूते बहुत सावधानी से पहनने चाहिए। क्योंकि अगर इस मौसम में जूते कपड़े के हैं तो वे एक बार भीगने के बाद जल्दी नहीं सूखते। वहीं प्लास्टिक या अन्य गीले जूतों से पैरों में इन्फेक्शन का खतरा रहता है। बारिश के मौसम में जूते तभी पहनें, जब वे पूरी तरह से सूखे हों और उन्हें पहनकर बाहर जाने का रिस्क तब उठाएं, जब लग रहा हो कि बारिश नहीं होगी या बारिश हो भी गई, तो कई घंटों तक गीले जूतों में आपको पैर रखने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बारिश के मौसम में अगर कई घंटे तक पैर गीले जूते के अंदर रहें तो पैरों में इन्फेक्शन हो जाता है।

बाहर खाने का परहेज

बरसातों में बाहर कहीं खाने से भी बचना चाहिए। क्योंकि बारिश में बाहर खाने से तुरंत इंफेक्शन हो जाता है। अगर खाना ही पड़े तो इस मौसम में कच्ची सब्जियां और सलाद खाने से बचना चाहिए। बारिश के मौसम में टिक्की, गोलगप्पे या किसी भी स्ट्रीट फूड के जल्द खराब होने का खतरा रहता है। अगर शक हो कि जहां का पानी पी रहे हैं, वह साफ नहीं है तो पानी उबालकर पीना चाहिए। इस मौसम में किसी भी मौसम के मुकाबले जल्दी इन्फेक्शन होता है।

ड्राइविंग कर रहे हो तो...

बारिश के मौसम में जब ड्राइविंग करें तो सावधानी से करें, तेज चलने की कोशिश न करें। पानी से भीगी सड़कों में वाहन के स्लिप होने का खतरा रहता है। इस दौरान गाड़ी चला रहे हैं तो बेहतर दृश्यता के लिए दिन में भी हैडलाइट्स और विंड शील्ड वाइपर का इस्तेमाल करें।

छाता, जैकेट से सुरक्षा

इन दिनों भीगने का मन करता है, लेकिन मेडिकल साइंस कहती है कि भीगने से बचना चाहिए इससे बीमार होने का खतरा बना रहता है। इसलिए जब बारिश के मौसम में घर से निकलें तो आपके पास छाता और वाटरप्रूफ जैकेट होनी चाहिए। अगर बारिश के मौसम में सावधानियां बरतने के बाद भी बीमार पड़ जाती हैं तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं, अगर देर की तो नुकसान हो सकता है। सोशल मीडिया से जानकारियां लेकर अपना इलाज करने से बचें।

लबालब जलस्रोतों से बचाव

भले आपको कितना ही अच्छा तैरना आता हो, लेकिन बारिश के दिनों में उफनती नदियों, झीलों या तालाबों में तैरने से बचें। क्योंकि बारिश के दिनों में जहां इन सबके पानी का वेग बहुत बढ़ जाता है, वहीं इन दिनों इनका पानी काफी गंदा हो जाता है, जिसमें नहाने से कई तरह के इन्फेक्शन हो जाने का खतरा रहता है। एक बात और ध्यान रखें बारिश के पहले ही अपने घर के सभी स्विच वगैरह को जांच लें कि कहीं से ढीले या उखड़े तो नहीं हैं, बारिश के मौसम में उनमें करंट आने का खतरा रहता है।

-इ.रि.सें.

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