मिस्र के साथ बढ़ी रणनीतिक साझेदारी
काहिरा, 25 जून (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के बीच राजनीतिक एवं सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने पर हुई व्यापक बातचीत के बाद रविवार को संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ तक बढ़ा दिया। यह 26 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की मिस्र की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा, ‘रणनीतिक साझेदारी पर समझौते के अलावा, दोनों देशों ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों, स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों की सुरक्षा एवं संरक्षण तथा प्रतिस्पर्धा कानून पर तीन अन्य समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए।’
अल-सिसी ने मोदी को मिस्र के सर्वोच्च सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’ से भी सम्मानित किया, जो विभिन्न देशों की ओर से प्रधानमंत्री को प्रदान किया गया 13वां सर्वोच्च राजकीय सम्मान है। वर्ष 1915 में शुरू किया गया यह सम्मान उन राष्ट्राध्यक्षों, राजकुमारों और उपराष्ट्रपतियों को दिया जाता है, जिन्होंने मिस्र या मानवता की अमूल्य सेवा की हो। ‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’ शुद्ध सोने से बना होता है, जिसमें वर्गाकार सोने की तीन इकाइयां शामिल हैं, जिनमें मिस्र पर शासन करने वाले बादशाह फिरौन के प्रतीक शामिल हैं।
प्रथम विश्व युद्ध के शहीदों को दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री मोदी ने काहिरा के हेलियोपोलिस युद्ध कब्रिस्तान का दौरा किया और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान शहीद भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। हेलियोपोलिस (पोर्ट तौफीक) स्मारक उन लगभग 4,000 भारतीय सैनिकों को समर्पित है, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मिस्र और फलस्तीन में लड़ते हुए अपने प्राणों की आहूति दे दी।
अल हाकिम मस्जिद का किया दौरा, मुफ्ती-ए-आजम से मिले
प्रधानमंत्री ने काहिरा स्थित मिस्र की ऐतिहासिक एवं यहां की चौथी सबसे पुरानी अल-हाकिम मस्जिद (वर्ष 1012 में निर्मित) का दौरा किया। इस मस्जिद का भारत के दाऊदी बोहरा समुदाय की मदद से जीर्णोद्धार किया गया है। बोहरा समुदाय के अनेक लोग कई सालों से गुजरात में भी हैं। मोदी ने मिस्र के मुफ्ती-ए-आजम डॉ. शॉकी इब्राहिम अब्देल-करीम अल्लाम से सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देने और अतिवाद एवं कट्टरता के मुकाबले से संबंधित मुद्दों समेत भारत-मिस्र संबंधों पर चर्चा की। मोदी ने दुनिया के सात अजूबों में शामिल मिस्र की राजधानी के बाहरी इलाके में गीजा के पिरामिड भी देखे।