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नये आपराधिक न्याय कानूनों का अधिनियमन ऐतिहासिक क्षण

07:24 AM Apr 21, 2024 IST
नये आपराधिक न्याय कानूनों का अधिनियमन ऐतिहासिक क्षण
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शनिवार को नयी दिल्ली में ‘आपराधिक न्याय प्रणाली के प्रशासन में भारत का प्रगतिशील पथ’ विषय पर आयोजित सम्मेलन के दौरान केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के साथ। -प्रेट्र
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नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (एजेंसी)
भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने नये आपराधिक न्याय कानूनों के अधिनियमन को समाज के लिए ऐतिहासिक क्षण बताते हुए शनिवार को कहा कि भारत अपनी आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव के लिए तैयार है।
‘आपराधिक न्याय प्रणाली के प्रशासन में भारत का प्रगतिशील पथ’ विषय पर यहां आयोजित एक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि नये कानून तभी सफल होंगे जब वे लोग इन्हें अपनाएंगे, जिन पर इन्हें लागू करने का जिम्मा है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि भारत के कानूनी ढांचे ने नये युग में प्रवेश किया है। पीड़ितों के हितों की रक्षा करने और अपराधों की जांच एवं अभियोजन में कुशलता के लिए अत्यावश्यक सुधार किए गए हैं। सीजेआई ने कहा, ‘संसद द्वारा इन कानूनों को अधिनियमित किया जाना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत बदल रहा है एवं आगे बढ़ रहा है और मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए नये कानूनी उपकरणों की जरूरत है।’
इस सम्मेलन में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी मौजूद थे। देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलने के लिए भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम एक जुलाई से लागू होंगे। हालांकि, ‘हिट-एंड-रन’ के मामलों से संबंधित प्रावधान को तुरंत लागू नहीं किया जाएगा। तीनों कानूनों को पिछले साल 21 दिसंबर को संसद की मंजूरी मिली थी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को इन्हें स्वीकृति दी थी।
सीजेआई ने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता डिजिटल युग में अपराधों से निपटने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को शामिल करती है।

मतदाताओं से आग्रह- गर्व के साथ करें मतदान सीजेआई चंद्रचूड़ ने नागरिकों से आम चुनाव में मतदान करने का अवसर न चूकने का आग्रह करते हुए कहा है कि संवैधानिक लोकतंत्र में यह सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्यों में से एक है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर निर्वाचन आयोग के ‘माय वोट माय वॉयस’ मिशन के लिए एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, ‘हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नागरिक हैं, जो कि हमारा देश है। संविधान नागरिक के रूप में हमें कई अधिकार देता है, लेकिन साथ ही यह भी अपेक्षा करता है कि हर कोई उसे सौंपा गया अपना कर्तव्य गर्व के साथ निभाए। मैं आप सभी से अनुरोध करूंगा कि कृपया हमारी महान मातृभूमि के नागरिक के रूप में जिम्मेदारी से मतदान करने का यह अवसर न चूकें।

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