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कर्मचारी, पेंशनरों को मिलेगा चार प्रतिशत डीए

07:25 AM Oct 12, 2024 IST
शिमला में शुक्रवार को पत्रकार सम्मेलन में संबोधित करते मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू । -दैनिक ट्रिब्यून

शिमला, 11 अक्तूबर(हप्र)
भारी वित्तीय संकट से जूझ रही हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने अपने कर्मचारियों व पेंशनरों को दीपवाली के मौके पर डीए का तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को शिमला में एक पत्रकार सम्मेलन में राज्य सरकार के 1.80 लाख कर्मचारियों व 1.70 लाख पेंशनरों को पहली जनवरी 2023 से देय 4 फीसद डीए के भुगतान की घोषणा की। डीए का भुगतान अक्तूबर महीने के वेतन के साथ नगद मिलेगा। जबकि इससे पहले की डीए की राशि कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में जमा होगी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर दावा किया कि प्रदेश में किसी प्रकार का वित्तीय संकट नहीं है और अब राज्य में आर्थिक सुधारों के मद्देनजर वित्तीय अनुशासन आ रहा है। पत्रकार वार्ता में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहार दीपावली के मद्देनजर राज्य के कर्मचारियों व पेंशनरों को अक्तूबर माह के वेतन व पेंशन का भुगतान 28 तारीख को करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के मकसद से सरकार ने कर्मचारियों व पेंशनरों को सितंबर माह में देर से वेतन व पेंशन का भुगतान किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की ट्रेजरी आरबीआई से लिंक है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्तीय स्थिति से पूरी तरह वाकिफ हैं, बावजूद इसके हिमाचल की वित्तीय स्थिति को लेकर गलत मुद्दा बनाया गया। उन्होंने कहा कि इस तरह की राजनीति ठीक नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें आईजीएमसी के अलावा कई जगह कर्मचारी व पेंशनर मिले। सभी ने लंबित मेडिकल बिलों का भुगतान करने का आग्रह किया। उन्होंने बीते दो सालों के लंबित मेडिकल बिलों का तुरंत प्रभाव से एकमुश्त भुगतान करने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बारे अधिकारियों को आदेश दे दिए गए हैं।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 75 साल से अधिक उम्र के पेंशनरों के एरियर के बकाया का एकमुश्त भुगतान करने भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस संबंध में भी आदेश सरकार ने दे दिए हैं। उन्होंने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वेतन के एरियर में से 30 हजार का भुगतान भी इसी माली साल करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन फैसलों के लागू होने से सरकार के खजाने पर लगभग 1000 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इसमें से 600 करोड़ का बोझ अकेले डीए की अदायगी से पड़ेगा जबकि लंबित मेडिकल बिलों के भुगतान से लगभग 200 करोड़ और शेष बोझ 75 साल से अधिक उम्र के पेंशनरों के बकाया एरियर और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को इस साल 20000-20000 हजार का बकाया चुकता करने से पड़ेगा। जबकि इस महीने सरकार वेतन और पेंशन पर 2000 करोड़ रुपये अग्रिम में खर्च करेगी। इस तरह प्रदेश के खजाने पर किसी महीने लगभग 3000 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।

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वर्ष 2032 में देश का सबसे समृद्ध राज्य बनेगा हिमाचल

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूं तो सरकार ने ओपीएस लागू की है, मगर 1364 अधिकारी व कर्मचारी अभी भी एनपीएस में ही हैं। इन कर्मचारियों के डीए के अंशदान को लेकर सरकार ने आवश्यक आदेश कर दिए हैं। विपक्षी दल भाजपा का निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम छह महीनों में 900 संस्थान खोले और मुफ्त बिजली व पानी की व्यवस्था को लागू किया। इससे प्रदेश को कितना नुकसान होगा इस बारे नहीं सोचा। मगर वर्तमान सरकार न तो प्रदेश के संसाधनों को लुटने देगी और न ही बर्बाद होने देगी। उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन के बूते कांग्रेस सरकार हिमाचल को वर्ष 2027 में आत्म निर्भर और वर्ष 2032 में देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाएगी।

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