For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

सुक्खू सरकार से कर्मचारियों की नाराजगी जारी

06:45 AM Aug 23, 2024 IST
सुक्खू सरकार से कर्मचारियों की नाराजगी जारी
Advertisement

शिमला, 22 अगस्त (हप्र)
हिमाचल प्रदेश सचिवालय में कर्मचारी आज फिर गरजेंगे। शुक्रवार को एक बार फिर से सचिवालय सेवाएं कर्मचारी परिसंघ सचिवालय के प्रांगण में आम सभा होगी। एक दिन के अंतराल के बाद होने वाली आम सभा से पहले कर्मचारियों को एक और मुद्दा मिल गया है। सत्तारूढ़ कांग्रेस के एक आला नेता एवं काबिना मंत्री राजेश धर्माणी के सोशल मीडिया पर कर्मचारियों को लेकर आए बयान से कर्मी भड़क उठे हैं। सचिवालय सेवाएं कर्मचारी परिसंघ के प्रधान संजीव शर्मा ने संपर्क करने पर कहा कि कर्मचारियों को लेकर आया बयान वाजिब नहीं। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को फिर से कर्मचारियों की आम सभा होगी। आम सभा के जरिए एक मर्तबा फिर सरकार के समक्ष कर्मचारियों के मुद्दों को रखा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कर्मचारी 12 फीसद डीए के साथ-साथ संशोधित वेतनमान के एरियर के भुगतान की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। हालांकि कर्मचारियों ने पहले ही साफ कर दिया है कि 27 अगस्त से शुरू हो रहे विधान सभा के मानसून सत्र के दौरान वह पूरी तनम्यता से काम करेंगे। मगर मांगों को न माने जाने की स्थिति में 9 सितंबर के बाद आंदोलन तेज हो सकता है। कर्मचारी नेता संजीव शर्मा का कहना कि महंगाई के दौर में कर्मचारियों को 4 फीसदी डीए नहीं मिलना निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि सचिवालय कर्मचारियों की मांगों को लेकर उनकी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना एवं प्रधान सचिव सचिवालय प्रशासन से पहले चर्चा हो चुकी है। इसके बावजूद उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है।
हर चीज पैसे से जुड़ी, कर्मचारियों को सोचना होगा : धर्माणी
शिमला (हप्र) : हिमाचल प्रदेश सरकार में काबिना मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा है कि सरकार के खजाने में जितनी रकम आएगी उतना ही वह खर्च कर सकती है। नोट छापने की आजादी किसी भी राज्य सरकार को नहीं है। प्रदेश के पास सीमित विकल्प हैं। कर्मचारियों को भी इस बारे सोचना होगा। धर्माणी शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कर्मचारी नेताओं को सिर्फ अपनी नेतागिरी चमकाने बारे नहीं सोचना चाहिए, प्रदेश के बारे में भी सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीमित विकल्पों के साथ कर्मचारियों को वर्तमान में जो लाभ मिल रहे हैं वे मिलते रहें तो फिर कार्मिकों को सरकार के साथ खड़ा होना पड़ेगा। अगर कर्मचारी चाहते हैं कि उस पर कटौती लगे तो उसका भी सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि हर चीज पैसे से जुड़ी है। धर्माणी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने संसाधन बढ़ाने की तरफ ध्यान दिया है। कर्मचारियों को इसे समझना चाहिए। जिस जिम्मेवारी के साथ सरकार आगे बढ़ रही है उसे कर्मचारी भी निभाएं।

Advertisement

Advertisement
Advertisement