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पंजाब के कर्मचारी और पेंशनर केंद्र व भगवंत सरकार के खिलाफ अम्बाला में आए सड़क पर

08:43 AM Oct 03, 2024 IST
अम्बाला शहर में बुधवार को केंद्र व पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते पंजाब के कर्मी व पेंशनर। -हप्र

अम्बाला शहर, 2 अक्तूबर (हप्र)
पंजाब कर्मचारी एवं पेंशनर्स संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर आज बड़ी संख्या में कर्मचारी एवं पेंशनर्स स्थानीय शहर के रेलवे स्टेशन के सामने एकत्र हुए और विरोध रैली निकाली तथा बाद में शहर के विभिन्न बाजारों एवं सड़कों पर प्रदर्शन किया। उन्होंने शहर में लाल और काले झंडे लेकर केंद्र और पंजाब सरकार के खिलाफ नारे लगाए। इसका नेतृत्व पंजाब कर्मचारी एवं पेंशनर्स संयुक्त मोर्चा के प्रमुख नेता सतीश राणा, रणजीत सिंह रणवां, सुखदेव सिंह सैनी, गगनदीप सिंह भुल्लर ने किया।
बाज सिंह खैरा, रतन सिंह मजारी, भजन सिंह गिल, शविंदर पाल सिंह मोलोवाली, डॉ एनके कलसी, करम सिंह धनोआ, गुरप्रीत सिंह गंडीविंड, जयवीर घनघस और राष्ट्रीय नेता एमएल सहगल आदि नेताओ ने संबोधित करते हुए हरियाणा के मतदाताओं, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार और पंजाब में सत्तारूढ़ भगवंत मान सरकार की विभिन्न जनविरोधी नीतियों के बारे में बताया। नेताओं ने कहा कि ये सरकारें जनता की पक्षधर कम, कॉरपोरेट घरानों की कठपुतली और झूठ की कठपुतली नजर आ रही हैं। इस कारण इन राजनीतिक दलों को हरियाणा विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त देकर सबक सिखाया जाना चाहिए।
इस दौरान विभिन्न वक्ताओं ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए विस्तार से जनविरोधी नीतियों की जानकारी दी। साथ ही पंजाब में सत्तारूढ़ भगवंत मान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भगवंत सरकार ने राज्य में अपने ढाई साल के शासनकाल के दौरान 1 जनवरी 2004 के बाद भर्ती हुए सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं की, 2.59 का गुणांक लागू नहीं किया, पेंशन का पुनरीक्षण, ऐसे सभी कच्चे, अनुबंध और आउटसोर्स कर्मचारी, आशा वर्कर, मिड डे मील वर्कर, आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर आदि स्कीम वर्करों को पक्का नहीं किया गया है। नेताओं ने कहा कि 1 जनवरी, 2016 से कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन संशोधन का शेष 30 जून, 2021 का भुगतान नहीं किया गया है। 12 प्रतिशत महंगाई भत्ते की तीन किस्तें पंजाब सरकार की ओर से देय हैं।
पंजाब सरकार द्वारा परीक्षण वर्ष के दौरान कम वेतन के भुगतान के संबंध में पार्टियों द्वारा पिछले फैसले 15 जनवरी, 2015 व 17 जुलाई, 2020 केंद्रीय पैटर्न पर वेतन देने संबंधी पत्र अभी तक रद्द नहीं किया गया। संघर्ष कर रहे लोगों पर झूठे पुलिस केस दर्ज किए जा रहे हैं, पंजाब सरकार के खिलाफ बोलने वाले पत्रकारों को जेलों में बंद किया जा रहा है। इस मौके पर प्रेम चावला, एनडी तिवारी, करतार सिंह पाल, नवप्रीत सिंह बल्ली, बीएस सैनी, सुरिंदर राम कुस्सा, अमरीक सिंह मसीतां, गुरदीप सिंह वालिया, शाम लाल गुप्ता, हरजीत सिंह, गुरदीप आदि मौजूद थे।

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