नैतिक मूल्यों और संवेदनशीलता पर जोर
विवेक शर्मा/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 7 जनवरी
पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआई) ने मंगलवार को नए शैक्षणिक सत्र का शुभारंभ किया। इस अवसर पर डॉ. दिगंबर बेहेरा, प्रोफेसर एमेरिटस और नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज, नई दिल्ली के अध्यक्ष ने बतौर मुख्य अतिथि उद्घाटन किया। उन्होंने अपने संबोधन में चिकित्सा के क्षेत्र में नैतिक मूल्यों और संवेदनशीलता को सबसे महत्वपूर्ण बताया। डॉ. बेहेरा ने कहा कि रोगियों के साथ संवाद और सहानुभूति की कला बेहद जरूरी है। चिकित्सा केवल तकनीकी ज्ञान तक सीमित नहीं हो सकती। इसमें मानवता और नैतिकता का समावेश होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सबसे प्रभावी उपचार रोगी के साथ सहानुभूतिपूर्ण बातचीत से होता है, न कि केवल क्लिनिकल जांच से।
300 नए रेजिडेंट्स ने सत्र की शुरुआत की
कार्यक्रम के अंत में डीन (अकादमिक्स) प्रो. आरके राठो ने नए रेजिडेंट्स को बैज प्रदान किए। इस वर्ष 300 नए रेजिडेंट्स (250 जुलाई 2024 बैच और 50 जनवरी 2025 बैच) ने सत्र की शुरुआत की। डीन प्रो. संजय जैन ने संस्थान की चिकित्सा शिक्षा और शोध में उत्कृष्टता की परंपरा को बनाए रखने का संकल्प दोहराया।
नए रेजिडेंट्स को पढ़ाया मानवता का पाठ
डॉ. बेहेरा ने अपने 47 वर्षों के अनुभव साझा करते हुए कहा कि युवा डॉक्टरों को रोगियों के साथ जुड़ने की कला सीखनी चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि आज की चिकित्सा प्रणाली में रोगियों के साथ संवाद की कमी एक बड़ी समस्या बन गई है। उन्होंने कहा-हमारे युवा डॉक्टर स्वास्थ्य सेवा का पहला संपर्क बिंदू होते हैं। उन्हें शुरुआत से ही रोगियों को समझने और उनकी भावनाओं का सम्मान करने की कला सीखनी चाहिए। उन्होंने एआई के बढ़ते उपयोग पर भी अपनी राय व्यक्त की और कहा कि एआई चिकित्सा का सहयोगी हो सकता है, लेकिन मानवीय संवेदनाओं का स्थान कभी नहीं ले सकता।
पीजीआईएमईआर की विरासत पर जोर
कार्यक्रम की शुरुआत में पीजीआईएमईआर के निदेशक, प्रो. विवेक लाल ने नए रेजिडेंट्स का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि संस्थान की महानता अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे से नहीं, बल्कि रोगियों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता से परिभाषित होती है। उन्होंने संस्थान के संस्थापकों की दूरदृष्टि और समर्पण को याद करते हुए नए रेजिडेंट्स से उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। इस अवसर पर डिप्टी डायरेक्टर (प्रशासन) पंकज राय, पूर्व निदेशकों, डीन और वरिष्ठ फैकल्टी प्रो. वाईके चावला, प्रो. जगतराम और प्रो. सुभाष वर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।