गांव की फिरनी से तीन किमी दूर तक की ढाणियों में मिलेगी बिजली
फिरनी से 300 मीटर की दूरी तक अपने खर्चे पर कनेक्शन मुहैया कराएगी सरकार
सभी विभागों का डाटा होगा डिजिटल, बनेगा डिजिटल रिकार्ड रूम
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 27 फरवरी। हरियाणा के गांवों में फिरनी से दूर डेरों ढाणियों में रहने वाले परिवारों को भी अब बिजली के कनेक्शन दिए जाएंगे। इसके लिए सरकार ने नियमों में बदलाव किया है। गांव की फिरनी से 300 मीटर दूरी तक बसे डेरों-ढाणियों में बिजली निगमों द्वारा अपने खर्चे पर बिजली के कनेक्शन मुहैया करवाए जाएंगे। वहीं इससे अधिक और 3 किमी तक की दूरी पर आधे खर्चे पर कनेक्शन दिए जाएंगे।
तीन किमी तक की दूरी में बसी ढाणियों व डेरों में बिजली कनेक्शन पर आने वाली कुल लागत का पचास प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। मंगलवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसकी घोषणा की। पहले आधे खर्च पर भी केवल किमी की दूरी तक ही बिजली कनेक्शन दिए जाने के नियम थे। इसी तरह से 300 की बजाय गांव की फिरनी से 150 मीटर की दूरी तक ही बिना खर्चे के कनेक्शन मिलते थे।
एक और घोषणा करते हुए सीएम ने कहा, डेरे व ढाणियों के जो उपभोक्ता ट्यूबवेल की बजाय ग्रामीण फीडर से बिजली कनेक्शन लेना चाहते हैं, उनके ट्रांसफार्मर का पूरा खर्चा सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। उपभोक्ताओं को केवल नई लाइन का खर्च ही वहन करना होगा। सीएम ने कहा कि सरकार ने तय किया है कि सभी विभागों के रिकॉर्ड को डिजिटलाइज किया जाएगा। इसके लिए मुख्यालय तथा जिला स्तर पर डिजिटल रिकॉर्ड रूम तैयार होंगे।
इस व्यवस्था के लिए मौजूदा बजट के अलावा जरूरत पड़ने पर आगामी अनुपूरक बजट अनुमानों में बजट का प्रावधान किया जाएगा। यहां बता दें कि पिछले दिनों सीएम ने कैथल जिल से राजस्व विभाग के रिकॉर्ड को डिजिटल करने की शुरूआत की थी। अब सभी विभागों का रिकॉर्ड डिजिटलाइज हो चुका है। सदन में बताया गया कि ई-विधानसभा के विजन को आगे बढ़ाते हुए विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने विधानसभा के संपूर्ण रिकॉर्ड को डिजिटलाइज रूप दिया है।
मंगलवार को विधानसभा में स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता, सदन के नेता मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और विधानसभा उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा ने विधानसभा की वेबासइट पर डिजिटल लेजिसलेटिव बिजनेस मॉडयूल लांच किया। वेबसाइट पर 1966 से लेकर विधानसभा का आज तक का संपूर्ण रिकॉर्ड डिजिटल रूप से उपलब्ध होगा।