चंडीगढ़ में न बढ़े बिजली की दरें
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 21 जून (हप्र)
चंडीगढ़ प्रशासन के बिजली विभाग द्वारा बिजली दरें 19.44 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव ज्वाइंट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (जेईआरसी) को भेजने के बाद शुक्रवार को जेईआरसी ने चंडीगढ़ के लोगों की राय लेने के लिए सेक्टर 10, गवर्नमेंट म्यूजियम एंड आर्ट गैलरी में बैठक आयोजित की थी। बैठक में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने जोरदार विरोध किया। दोनों ही पार्टियों ने सुझाव दिया कि बिजली की दरों में बढ़ोतरी न की जाए।
आप सह प्रभारी डॉ. एसएस आहलूवालिया ने आरोप लगाते कहा कि भाजपा प्रशासन के माध्यम से चंडीगढ़ की जनता पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है। भाजपा ने पहले पानी के दाम बढ़ाए और अब बिजली के दाम बढ़ाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को जब जेईआरसी शहरवासियों के साथ बिजली रेट में बढ़ोतरी को लेकर बैठक कर रहा था तो एक भाजपा नेता की टिप्पणी के बाद पूरी बैठक का माहौल खराब हो गया और अधिकारियों को बैठक को बीच में ही छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा कि भाजपा एक योजना के तहत बिजली रेट बढ़ाकर शहरवासियों पर अतिरिक्त बोझ डालने जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा प्रशासन के माध्यम से जबरन बिजली रेट बढ़ाएगी तो आम आदमी पार्टी सड़कों पर उतरकर इसका पुरजोर विरोध करेगी और प्रशासन को बिजली रेट वापस लेने के लिए मजबूर किया जाएगा। बकांग्रेस प्रवक्ता राजीव शर्मा ने कहा कि जब तक विद्युत विभाग अपना एनर्जी ऑडिट नहीं कर लेता , तब तक बिजली की दरें नहीं बढ़नी चाहिए। कांग्रेस नेता हरमेल केसरी ने सुझाव देते हुए कहा कि कमिश्नर को प्रशासन के द्वारा फाइल की गई रिट पिटीशन को डिसमिस कर देना चाहिए और अपने ऑर्डर में यह बात लिख देनी चाहिए कि अगली बार जब भी प्रशासन बिजली दरें बढ़ाने के लिए कोई भी पिटीशन फाइल करता है। उससे पहले कमीशन द्वारा दी गई सभी हिदयातें और निर्देशों को पूरा करने के बाद ही प्रशासन और बिजली विभाग द्वारा कोई भी पिटीशन एक्सेप्ट की जाएगी। चंडीगढ़ के नवनिर्वाचित कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि अभी तक उन्होंने संसद में शपथ नहीं ली है, जिस कारण वह ज्वाइंट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन द्वारा बुलाई गई मीटिंग में हिस्सा नहीं ले पाए। कांग्रेस प्रदेश एचएस लक्की ने कहा कि शहर से अभी कांग्रेस के सांसद को जीते कुछ दिन ही हुए हैं और भाजपा काम का ब्योरा मांग रही हैं। जब उनसे पिछले 10 साल में हुए काम का हिसाब मांगते हैं तो उनकी बोलती बंद हो जाती हैं। कांग्रेस के सांसद और चंडीगढ़ कांग्रेस बिजली की दर को बढ़ाने का विरोध कर रही हैं।