मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
रोहतककरनालगुरुग्रामआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

बिजली बोर्ड टेंडर आवंटन सवालों के घेरे में

08:26 AM Jul 06, 2024 IST
Advertisement

शिमला, 5 जुलाई (हप्र)
हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में करोड़ों की खरीद के टेंडर सवालों के घेरे में आ गए हैं। भाजपा ने 175 करोड़ की खरीद के टेंडर पर सवाल उठाए हैं। विधायक एवं भाजपा नेता सुधीर शर्मा ने कहा कि बीते 3 जुलाई को हुई बोर्ड की बीओडी की बैठक में स्टोर परचेज के 175 करोड़ के टेंडर को मंजूरी दी गई। बीओडी के फैसले की कॉपी मीडिया को जारी करते हुए उन्होंने कहा कि एक ओर जहां सिंगल बिड पर यह बिड की गई, वहीं दूसरी ओर बिड की रकम में 175 करोड़ से 39.93 फीसद की बढ़ोतरी को बीओडी ने मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि 245 करोड़ से अधिक में यह बिड की गई। उन्होंने कहा कि बीओडी की बैठक से दो अधिकारियों ने व्यक्तिगत कारणों से दूरी बनाई। उन्होंने सरकार से जानना चाह कि बिजली बोर्ड की माली हालत ठीक न होने के बावजूद उत्तर प्रदेश की फर्म के ऊपर मेहरबानी करते हुए 175 करोड़ की खरीद 245 करोड़ से अधिक में क्यों की गई? एक ओर जहां बोर्ड की खराब माली हालत की वजह से सरकार 125 यूनिट मुफ्त बिजली के फैसले में बदलाव की तैयारी में है, वहीं दूसरी ओर करोड़ों की बिड 39 फीसद से अधिक बढ़ा कर फाइनल की जा रही है।
उन्होंने कहा कि बैठक के मिनिट में लिखा है कि केबल का खर्च अतिरिक्त बिड कर्ता को उठाना होगा, इस टेंडर में केबल भाग थी ही नहीं, अन्य बिड कर्ता से बाद में बातचीत करके केबल कंपोनेंट टेंडर में डाला गया और इस बात को लिखा गया कि इसका अतिरिक्त खर्च बिड कर्ता पर पड़ेगा, जबकि पैसा विश्व बैंक का है, कंपनी ने केवल काम करना है। उन्होंने कहा कि जिस फर्म को टेंडर दिया गया वह 2022 में उत्तर प्रदेश में पंजीकृत हुई। उन्होंने कहा कि आनन-फानन में टेंडर करने की क्या आवश्यकता थी? सिंगल टेंडर को क्यों फाइनल किया गया? टेंडर राशि को 39 फीसद से अधिक क्यों बढ़ाया गया? सरकार को इन सवालों के जवाब देने चाहिए।

Advertisement
Advertisement
Advertisement