मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
रोहतककरनालगुरुग्रामआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

लोकसभा में विद्युत संशोधन विधेयक पेश, विपक्षी दलों ने किया विरोध; मंत्री ने विधेयक स्थायी समिति को भेजने का किया आग्रह

09:12 PM Aug 08, 2022 IST
Advertisement

नयी दिल्ली, 8 अगस्त (एजेंसी)

लोकसभा में सोमवार को विद्युत संशोधन विधेयक 2022 पेश किया गया जिसमें बिजली वितरण क्षेत्र में बदलाव करने, नियामक तंत्र को मजबूत बनाने एवं व्यवस्था को सुसंगत बनाने का प्रस्ताव किया गया है। निचले सदन में ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने विद्युत संशोधन विधेयक 2022 पेश किया। इसका कांग्रेस, द्रमुक और तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने विरोध किया और इसे संघीय ढांचे के खिलाफ बताया। इसके बाद मंत्री आर के सिंह ने कहा कि वह इस विधेयक को विचार के लिये संसद की स्थायी समिति को भेजने का आग्रह करते हैं। मंत्री ने कहा, ‘‘मैं इस विधेयक को विचारार्थ संसद की स्थायी समिति के समक्ष भेजने का आग्रह करता हूं। उस समिति में सभी दलों का प्रतिनिधित्व होता है, ऐसे में इसके विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा हो सकेगी।”

Advertisement

इससे पहले, रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के एन के प्रेमचंद्रन ने कहा कि वह इस विधेयक को पेश किये जाने का विरोध कर रहे हैं क्योंकि यह संघीय ढ़ांचे का उल्लंघन करता है। उन्होंने कहा कि बिजली का विषय समवर्ती सूची में आता है, ऐसे में इस विषय पर सभी राज्यों एवं संबंधित पक्षकारों के साथ चर्चा करना जरूरी है लेकिन ऐसा नहीं किया गया। प्रेमचंद्रन ने कहा कि इस विधेयक के प्रावधानों से उपभोक्ताओं एवं किसानों के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और निजी क्षेत्र की कंपनियों का सार्वजनिक आधारभूत ढांचे का लाभ उठाने का मार्ग प्रशस्त होगा।

वहीं, कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि इस प्रस्तावित विधेयक के माध्यम से मूल कानून के उद्देश्य प्रभावित हो सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह निजीकरण की दिशा में कदम है। कांग्रेस के ही अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह विधेयक स्पष्ट रूप से सहकारी संघवाद का उल्लंघन करता है तथा राज्य सरकारों के अधिकारों को कमतर करता है।

द्रमुक के टी आर बालू ने भी विद्युत संशोधन विधेयक 2022 पेश किये जाने का विरोध किया और कहा कि यह लोगों के हितों के प्रतिकूल है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि यह विधेयक लोक विरोधी है और सार्वजनिक बिजली क्षेत्र को निजी क्षेत्र को देने का मार्ग प्रशस्त करता है। बीजद के पिनाकी मिश्रा ने कहा कि विधेयक पेश करने के समय केवल विधायी आधार पर विषय उठाये जा सकते हैं और अगर मंत्री का कहना है कि इसे स्थायी समिति को भेजा जायेगा, तब वहां चर्चा हो जायेगी। इसके बाद, ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि इस विधेयक के बारे में गलत तरीके से दुष्प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोई सब्सिडी नहीं वापस ली जा रही है, जो किसानों को मिलता था, वह मिलता रहेगा। सिंह ने कहा कि इस प्रकार का (कुछ सदस्यों का) गैर जिम्मेदाराना व्यवहार ठीक नहीं है। मंत्री ने कहा कि इस विषय पर हर राज्य और संबंधित पक्षकारों से विचार विमर्श किया गया है। उन्होंने कहा, ‘यह विधेयक किसानों के हित में है, लोगों के हित में है और बिजली क्षेत्र के हित में है।”

Advertisement
Tags :
आग्रहभेजनेमंत्री’लोकसभाविद्युतविधेयकविपक्षीविरोधसमितिसंशोधनस्थायी
Advertisement