मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
रोहतककरनालगुरुग्रामआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

विद्युत संशोधन विधेयक राज्यों के संवैधानिक अधिकारों पर हमला : भगवंत मान

11:08 PM Aug 08, 2022 IST
Advertisement

चंडीगढ़, 8 अगस्त (एजेंसी)

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को कहा कि संसद में केंद्र द्वारा पेश किया गया विद्युत (संशोधन) विधेयक-2022 राज्यों के संवैधानिक अधिकारों पर हमला है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह इस तरह की कुटिल चाल से संघीय ढांचे को ‘कमजोर’ कर रही है। बिजली आपूर्तिकर्ताओं के वितरण नेटवर्क तक गैर-भेदभावपूर्ण खुली पहुंच की अनुमति देने के लिए लाए गए विद्युत (संशोधन) विधेयक 2022 को विपक्ष के विरोध के बीच सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया। विपक्ष का दावा है कि यह राज्य सरकारों के कुछ अधिकारों को छीनने के लिए है। मान ने कहा कि यह केंद्र सरकार का राज्यों की शक्ति को ‘कमजोर’ करने का एक और प्रयास था। उन्होंने कहा कि केंद्र को राज्यों को कठपुतली नहीं समझना चाहिए। मान ने यहां जारी एक बयान में कहा, ‘‘हमारे लोकतंत्र की संघीय भावना को कमजोर करने के भारत सरकार के इस प्रयास के खिलाफ राज्य चुप नहीं बैठेंगे।” उन्होंने कहा कि राज्य अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सड़क से लेकर संसद तक लड़ेंगे। पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को बिजली क्षेत्र से संबंधित कोई भी विधेयक पेश करने से पहले राज्यों से परामर्श करना चाहिए था। उन्होंने आरोप लगाया कि यह विधेयक राज्यों पर थोपा जा रहा है, जो संघीय ढांचे पर सीधा हमला है। केंद्र की मंशा पर सवाल उठाते हुए मान ने कहा कि जब राज्य अपने दम पर लोगों को बिजली मुहैया कराते हैं, तो संसद में विधेयक पेश करते समय उनकी प्रतिक्रिया क्यों नहीं ली गई।

Advertisement

उन्होंने पंजाब का उदाहरण देते हुए कहा कि राज्य में किसानों को कृषि के लिए मुफ्त बिजली दी जा रही है। इसी तरह, घरेलू उपभोक्ताओं को भी मुफ्त बिजली की आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र अपनी शर्तों के अनुसार बिजली अधिनियम में संशोधन कर रहा है, तो किसानों और अन्य वर्गों को बड़ा झटका लगेगा, क्योंकि पंजाब जैसे राज्य इस तरह की जनहितैषी पहल को जारी रखने में सक्षम नहीं होंगे। मान ने कहा कि केंद्र को आग से खेलने से बचना चाहिए। मान ने केंद्र सरकार से अपने कदम पर पुनर्विचार करने को कहा, क्योंकि देश के लोग ऐसे एकतरफा फैसलों को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विद्युत (संशोधन) विधेयक 2022 को वापस लेने का आग्रह किया था, ताकि राज्यों, किसानों और कृषि संघों सहित सभी हितधारकों के साथ व्यापक विचार विमर्श किया जा सके।

Advertisement
Tags :
अधिकारोंभगवंतराज्योंविद्युतविधेयकसंवैधानिकसंशोधन
Advertisement