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सोशल मीडिया पर चल पड़ा चुनावी महासंग्राम

07:55 AM Mar 18, 2024 IST

नयी दिल्ली, 17 मार्च (एजेंसी)
आम चुनाव की घोषणा को भले ही अभी एक दिन बीता है, लेकिन सोशल मीडिया पर चुनावी संग्राम तेज हो चला है। देश में दुनिया के सबसे बड़े चुनावी उत्सव की तैयारियां शुरू होने के साथ ही राजनीतिक दल मतदाताओं के मनोविज्ञान पर असर डालने के लिए व्हाट्सएप जैसे ‘मैसेजिंग’ मंच और सोशल मीडिया ‘इन्फ्लूएंसर्स’ का सहारा ले रहे हैं।
राजनीतिक दल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपनी उपलब्धियों का प्रचार करने तथा मतदाताओं से समर्थन मांगने के लिए व्यापक पैमाने पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। भाजपा व्हाट्सएप पर ‘प्रधानमंत्री की ओर से पत्र’ भेजकर मतदाताओं से जुड़ने का प्रयास कर रही है और नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए मतदाताओं से ‘फीडबैक’ ले रही है। व्हाट्सएप के भारत में हर महीने 50 करोड़ से अधिक सक्रिय उपयोगकर्ता होते हैं। भाजपा ने ‘माय फर्स्ट वोट फॉर मोदी’ वेबसाइट शुरू की है जिसमें मतदाता मोदी के लिए वोट करने का संकल्प ले सकते हैं और अपनी पसंद की वजह बताते हुए एक वीडियो अपलोड कर सकते हैं। कांग्रेस ‘राहुल गांधी व्हाट्सएप समूह’ चलाती है जिसमें राहुल लोगों से संवाद करते हैं और उनके सवालों का जवाब देते हैं। व्हाट्सएप पर सूचनाओं के प्रसार की निगरानी जिला स्तर पर की जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह जनता तक पहुंचे और पार्टी के मतदाता आधार को मजबूत करे। चुनावी विश्लेषक और समीक्षक अमिताभ तिवारी ने कहा, ‘एक समय सोशल मीडिया पर प्रचार के लिए सबसे पसंदीदा मंच रहा फेसबुक अब राजनीतिक पेज पर विज्ञापनों संबंधी कई पाबंदियों के कारण राजनीतिक दलों को पसंद नहीं रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘पार्टियां ऐसे सोशल मीडिया मंच को चुनती है जो उन्हें बगैर ज्यादा पाबंदियों के और बड़े उपयोगकर्ता आधार के साथ तेजी से जनता से जोड़ने में मदद करते हैं। इंस्टाग्राम और ट्विटर (अब एक्स) जैसे कई अन्य मंच हैं जो जनता के एक खास वर्ग की आवश्यकताओं को पूरी करते हैं और उनके अलग-अलग प्रारूप हैं।’

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मणिपुर में थानों में हथियार जमा कराने का निर्देश

इंफाल (एजेंसी) : निर्वाचन आयोग के लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने के बाद मणिपुर में जिलाधिकारियों ने एक आदेश जारी कर लाइसेंसी हथियार रखने वाले लोगों को नजदीकी पुलिस थानों में अपने हथियार जमा कराने का आदेश दिया है ताकि ‘चुनावों के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो।’ सरकारी आदेश में कहा गया है, ‘थौबल जिले के सभी लाइसेंस धारक 18वें आम चुनाव के शांतिपूर्ण आयोजन और कानून व व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपने लाइसेंसी हथियार तथा कारतूस 23 मार्च से पहले नजदीकी पुलिस थानों में जमा कराएं, ऐसा नहीं करने पर जिला पुलिस प्रशासन उनके लाइसेंसी हथियार जब्त कर लेगा।’ बहरहाल, ये आदेश उन लोगों पर लागू नहीं होंगे जो ‘लंबे समय से चले आ रहे कानूनों, रीति-रिवाज और उपयोग के आधार पर हथियार प्रदर्शन के हकदार हैं।’

‘इन्फ्लूएंसर्स’ पर दिखीं कई हस्तियां

पिछले कुछ महीनों में कई नेता युवा दर्शकों से जुड़ने के लिए मशहूर सोशल मीडिया ‘इन्फ्लूएंसर्स’ (सोशल मीडिया पर लोगों पर प्रभाव डालने वाले लोग) के यूट्यूब चैनलों पर दिखायी दिए हैं। एस. जयशंकर, स्मृति ईरानी, पीयूष गोयल और राजीव चंद्रशेखर जैसे भाजपा नेताओं ने पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया को साक्षात्कार दिए हैं। इनके यूट्यूब पर 70 लाख से अधिक फॉलोअर हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी यात्रा और भोजन के वीडियो पॉडकास्ट ‘कर्ली टेल्स’ की संस्थापक कामिया जानी से भोजन पर बातचीत की थी।

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नियमों के उल्लंघन से बचाव जरूरी : कुरैशी

राजनीतिक दलों द्वारा सोशल मीडिया पर प्रचार को विनियमित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा कि निर्वाचन आयोग को प्रौद्योगिकी कंपनियों से चुनावी निकाय के नियमों का उल्लंघन करने वाले पोस्ट हटाने के लिए उनके तंत्र को मजबूत करने पर बात करनी चाहिए।

चुनाव के कारण सीयूईटी-यूजी कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं : यूजीसी

नयी दिल्ली (एजेंसी) : संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा- स्नातक (सीयूईटी-यूजी) पूर्व घोषित कार्यक्रम 15 मई से 31 मई 2024 के बीच होगी और लोकसभा चुनाव की तारीखों की वजह से इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। यह घोषणा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने रविवार को की। उन्होंने बताया कि पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद परीक्षा के लिए समय-सारिणी जारी की जाएगी। यूजीसी प्रमुख ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि आगामी लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम के आधार पर परीक्षा की तारीखों में बदलाव किया जा सकता है। निर्वाचन आयोग ने शनिवार को घोषणा की कि 543 लोकसभा सीट के लिए सात चरणों में मतदान होगा, जिसकी शुरुआत 19 अप्रैल को पहले चरण की 102 सीट पर मतदान से होगी। मतों की गिनती चार जून को होगी। कुमार ने कहा, ‘आवेदन भरने की अंतिम तिथि 26 मार्च, 2024 है। इसके बाद हमें सीयूईटी-यूजी के लिए पंजीकृत छात्रों की संख्या और उनके भौगोलिक वितरण का पता चल पाएगा।’

आम चुनाव के एक महीने बाद जम्मू-कश्मीर विस के हों चुनाव : आजाद

जम्मू में एक रैली के दौरान डीपीएपी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद। -प्रेट्र

जम्मू (एजेंसी) : डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने रविवार को निर्वाचन आयोग से लोकसभा चुनाव संपन्न होने के एक महीने बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का अनुरोध किया। केंद्र शासित प्रदेश में लोकसभा चुनाव पांच चरणों में 19 अप्रैल (उधमपुर), 26 अप्रैल (जम्मू), 7 मई (अनंतनाग-राजौरी), 13 मई (श्रीनगर) और 20 मई (बारामूला) को होंगे। मतगणना चार जून को होगी। आजाद ने कहा, ‘निर्वाचन आयोग ने कहा है कि वह सुरक्षा कारणों से लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव नहीं करा रहा है।’ जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यह सच है कि अगर प्रत्येक संसदीय सीट से 10 उम्मीदवार लड़ते हैं, तो पांच सीट के हिसाब से उम्मीदवारों की संख्या 50 होगी। इसी तरह, 90 विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक में 15 उम्मीदवार हों, तो उम्मीदवारों की संख्या करीब 1,500 होगी। 50 उम्मीदवारों को सुरक्षा प्रदान करना मुश्किल है।’ हालांकि, आजाद ने कहा, ‘लोकसभा चुनाव पूरा होने के एक महीने के बाद विधानसभा चुनाव होना चाहिए।’ ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ की अवधारणा की व्यवहार्यता पर गौर करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च-स्तरीय समिति के सदस्य आजाद ने कहा कि रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी गई है और अब सरकार और निर्वाचन आयोग को सिफारिशों पर फैसला लेना है।

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