मेडिकल के छात्रों को नैतिक मूल्यों के प्रति संवेदनशील बनाने का प्रयास
रोहतक, 10 जून (हप्र)
पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में आयोजित यूएचएस कोर्स ऑफ एथिक्स इनक्लूडिंग बायोएथिक्स का दूसरा संस्करण मंगलवार को संपन्न हो गया। कोर्स का आयोजन डीन एकेडमिक अफेयर्स डॉ़ ध्रुव चौधरी के मार्गदर्शन में किया गया, जिसकी समन्वयक डॉ़ आरती रहीं।
डॉ़ आरती ने बताया कि इस कोर्स में 235 पीजी छात्रों ने भाग लिया और उन्हें एथिक्स एवं बायोएथिक्स के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया। विषय विशेषज्ञों ने छात्रों को नैतिक सिद्धांतों, पेशेवर व्यवहार और मरीजों के अधिकारों की रक्षा से जुड़ी जिम्मेदारियों पर गहन जानकारी दी। डॉ़ आरती ने बताया कि इस कोर्स का उद्देश्य पीजी छात्रों को नैतिक मूल्यों के प्रति संवेदनशील बनाना और उन्हें अपने मेडिकल के पेशे में एथिकल प्रैक्टिस अपनाने हेतु सक्षम बनाना था। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से छात्र न केवल पेशेवर निर्णय बेहतर तरीके से ले सकेंगे, बल्कि मरीजों के अधिकारों की रक्षा में भी अधिक सजग रहेंगे।
डॉ़ कमल सिंह ने बताया कि कोर्स में भाग लेने वाले अनेक छात्रों ने यह सुझाव दिया कि इस कोर्स को पीजी पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष में ही शामिल किया जाए, जिससे वे पूरे तीन वर्षों तक इसके लाभ उठा सकें। विश्वविद्यालय की यह पहल चिकित्सा शिक्षा में नैतिक मूल्यों की स्थापना की दिशा में एक सराहनीय कदम मानी जा रही है।