बाल पाठकों की शिक्षाप्रद कथाएं
घमंडीलाल अग्रवाल
रोचिका अरुण शर्मा बड़ों के अलावा बच्चों की कहानियां भी लिखती हैं। ‘सिद्धू बन गया जादूगर’ उनका नवीनतम बाल कहानी-संग्रह है जिसमें विविध विषयों पर 15 बाल कहानियां मौजूद हैं। ये कहानियां बच्चों को जागरूकता का पाठ पढ़ाती हैं।
संग्रह की प्रथम कहानी ‘सिद्धू बन गया जादूगर’ विज्ञान के नियमों-सिद्धांतों पर आधारित है। ‘गियर साइकिल की जूऊम जूऊम’ बताती है कि झूठा दिखावा पश्चाताप का कारण बन जाता है। ‘चीटी खेले मोनोपोली’ में समझदारी द्वारा नया रास्ता निकालने की बात निहित है। ‘जम्मी को मिल गया सबक’ का संदेश है कि मनमानी व दुर्व्यवहार से एक न एक दिन सजा अवश्य मिलती है। ‘कछुए जैसे पौधे’ में पौधों की देखभाल की ओर इशारा है।
‘लप्पू बन गया चीता’ में आदतों में सुधार करके अच्छी सेहत हासिल करने पर बल है। ‘युक्ति काम आई’ शैतान बच्चों को ‘जैसे को तैसा’ वाला पाठ पढ़ाती है। ‘बच्चे मन के सच्चे’ में बच्चों के निर्मल मन को उकेरा गया है। ‘मुसीबत भारी पर दोस्ती से हारी’ सच्ची दोस्ती की पक्षधर है। ‘मिन्नी अब लड़ती नहीं’ में हृदय-परिवर्तन का परिणाम दिखाई पड़ता है। ‘छुट्टी भी आवश्यक है’ सिखाती है कि हर चीज का अपना महत्व होता है। ‘भंगार से शृंगार’ में उपवन के रखरखाव का महत्व मिलता है। ‘यूं मुस्कुराए स्कूटी, स्केट बोर्ड और जूते’ में सामानों को सलीके से सजाकर रखने की बात को रेखांकित किया गया है।
पुस्तक : सिद्धू बन गया जादूगर लेखिका : रोचिका अरुण शर्मा प्रकाशक : ज्ञानमुद्रा पब्लिकेशन, भोपाल पृष्ठ : 64 मूल्य : रु. 80.