राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पर ईडी के छापे, गहलोत के बेटे को समन
जयपुर, 26 अक्तूबर (एजेंसी)
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चुनावी प्रदेश राजस्थान में परीक्षा पत्र लीक मामले की धन शोधन जांच के सिलसिले में बृहस्पतिवार को कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के जयपुर और सीकर स्थित परिसरों पर छापे मारे। सूत्रों ने बताया कि ईडी ने दौसा में महवा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार ओमप्रकाश हुड़ला तथा कुछ अन्य के परिसरों की भी तलाशी ली। इसके साथ ही विदेशी मुद्रा उल्लंघन मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को तलब किया है। ईडी की छापेमारी के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक सशस्त्र दल तैनात रहा।
गौर हो कि राजस्थान में 200 सदस्यीय विधानसभा के लिए 25 नवंबर को मतदान होगा। डोटासरा सीकर में लछमनगढ़ सीट से भाजपा के उम्मीदवार सुभाष महरिया के खिलाफ कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। धन शोधन का यह मामला आरोपियों के खिलाफ राजस्थान पुलिस द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकियों पर आधारित है। ईडी ने कहा था कि आरोपियों ने ‘एक-दूसरे की मिलीभगत से वरिष्ठ अध्यापक ग्रेड 2 प्रतिस्पर्धी परीक्षा 2022 के सामान्य ज्ञान के प्रश्न पत्र को लीक किया। आरोपियों ने प्रश्न पत्र के बदले प्रति उम्मीदवार आठ से 10 लाख रुपये लिए थे।’ सूत्रों के मुताबिक वैभव गहलोत ईडी से दस्तावेज जुटाने के लिए वक्त ले सकते हैं। एजेंसी ने अगस्त में तीन दिनों तक जयपुर, उदयपुर, मुंबई और दिल्ली में समूह और उसके प्रमोटर से जुड़े परिसरों पर छापे मारे थे। इस छापेमारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने 1.2 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की थी जो आय के ज्ञात स्रोत से अधिक थी।
एजेंसियों के दुरुपयोग का जनता देगी जवाब : कांग्रेस
ईडी की कार्रवाई पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘राजस्थान में अपनी हार निश्चित देखकर भाजपा ने अपना आखिरी दांव चला है। मोदी सरकार की तानाशाही लोकतंत्र के लिए घातक है। हम एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ते रहेंगे, जनता भाजपा को करारा जवाब देगी।’ एक संवाददाता सम्मेलन में राजस्थान के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि जहां भी चुनाव होते हैं वहां ईडी छापे मारती है। आंकड़ों का हवाला देते हुए गहलोत ने कहा कि ईडी ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के 10 साल के कार्यकाल में 112 छापे मारे और 104 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए गए। लेकिन 2014 के बाद 3,010 छापे मारे गए और 881 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए गए।