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100 करोड़ की साइबर धोखाधड़ी मामले में इंस्पेक्टर अमनजोत को ईडी का नोटिस

07:55 AM Jan 10, 2025 IST

मोहाली, 9 जनवरी (हप्र)
100 करोड़ की साइबर धोखाधड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंजाब पुलिस इंस्पेक्टर अमनजोत कौर को अपने बयान दर्ज करवाने के लिए आज बुलाया था लेकिन वह नहीं आईं। ईडी ने चंडीगढ़ सेक्टर-17 स्थित ईडी कार्यालय में उसेे बयान दर्ज करने को कहा था। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की जा रही है। ईडी ने इंस्पेक्टर अमनजोत कौर संधू को जो नोटिस भेजा था उसमें लिखा है कि पीएमएलए के तहत जांच या कार्यवाही के संबंध में साक्ष्य देने और रिकॉर्ड पेश करने के लिए उनका उपस्थित होना आवश्यक है। अमनजोत को अब नया समन भेजा जाएगा।
कथित साइबर धोखाधड़ी का मामला तब सुर्खियों में आया जब इंस्पेक्टर अमनजोत कौर ने 28 अगस्त को पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया कि घोटाले में प्रभावशाली लोग शामिल हैं और जांच मोहाली जिले से बाहर स्थानांतरित की जानी चाहिए। उन्होंने मांग की कि जांच राज्य साइबर सेल या जांच ब्यूरो (बीओआई) को सौंपी जाए। उनके पत्र के बाद पिछले साल सितंबर में डीजीपी गौरव यादव ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) वी. नीरजा के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया, जिसमें पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) धनवंत कौर और मोहाली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) दीपक पारेख सदस्य थे। इससे पहले मोहाली के तत्कालीन एसएसपी डॉ. संदीप गर्ग ने भी कथित साइबर धोखाधड़ी की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया था, जिसका खुलासा पिछले साल जनवरी में जिला पुलिस की साइबर सेल ने किया था। यह मामला तब प्रकाश में आया जब तत्कालीन जिला साइबर सेल की प्रभारी इंस्पेक्टर अमनजोत कौर ने एफआईआर दर्ज की और सेक्टर-108 में एक कॉल सेंटर से संचालित कथित घोटाले का भंडाफोड़ किया।

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डीजीपी को लिखा था-वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने धमकाया

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर में वरिंदर राज कपूरिया, संकेत, सोनू, रजत कपूर और निखिल कपिल को आरोपी बनाया गया है। हालांकि, इंस्पेक्टर अमनजोत कौर ने डीजीपी को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उन्हें धमकाया और जांच से दूर रहने के लिए दबाव डाला। एक समानांतर विवाद में मोहाली जिला न्यायालय ने पिछले साल अप्रैल में याचिकाकर्ता पलक देव द्वारा आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 156(3) के तहत दायर एक आवेदन के आधार पर इंस्पेक्टर अमनजोत कौर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि कौर ने 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। हालांकि, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने जिला न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी।

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