जल दोहन से झुक गई धरती
नयी दिल्ली, 16 जून (एजेंसी)
भूजल पंपिंग ने पानी के इतने बड़े द्रव्यमान को स्थानांतरित कर दिया है कि पृथ्वी वर्ष 1993 और 2010 के बीच लगभग 80 सेंटीमीटर पूरब की ओर झुक गयी है। इससे पृथ्वी की जलवायु प्रभावित हो सकती है। यह जानकारी एक शोध में सामने आई है। ‘जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स’ नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध में पाया गया है कि अध्ययन अवधि के दौरान, पश्चिमी उत्तरी अमेरिका और उत्तर-पश्चिमी भारत में सबसे अधिक पानी का पुनर्वितरण हुआ। वैज्ञानिकों ने पहले अनुमान लगाया था कि मनुष्य ने 2150 गीगाटन भूजल का दोहन किया, जो 1993 से 2010 तक समुद्र के जलस्तर में 6 मिलीमीटर से अधिक की वृद्धि के बराबर है। हालांकि, उस अनुमान को वैध मानना मुश्किल है। अध्ययन का नेतृत्व करने वाले दक्षिण कोरिया स्थित सोल नेशनल यूनिवर्सिटी के भूभौतिकीविद् की-वियोन सेओ ने कहा, ‘पृथ्वी का घूर्णन ध्रुव वास्तव में बदलाव का बड़ा वाहक होता है।’ सेओ ने कहा, ‘हमारे अध्ययन से पता चलता है कि जलवायु से संबंधित कारणों में, भूजल का पुनर्वितरण वास्तव में घूमने वाले ध्रुव के झुकाव पर सबसे बड़ा प्रभाव डालता है।’ शोधकर्ताओं ने कहा कि पृथ्वी के घूर्णन को बदलने की पानी की क्षमता 2016 में खोजी गई थी और अब तक, इन घूर्णी परिवर्तनों में भूजल के विशिष्ट योगदान की खोज नहीं की गई थी।