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एकीकृत घरेलू सेवा के जरिये कमाई

08:34 AM Jun 06, 2024 IST
एकीकृत घरेलू सेवा के जरिये कमाई
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राजेंद्र कुमार शर्मा
एकीकृत सेवा क्षेत्र का संबंध दैनिक आधार पर छोटे-छोटे कार्यों के लिए पड़ने वाली कुशल कारीगरों की आवश्यकता से है। जैसे घर में बिजली का छोटा-मोटा फॉल्ट होने पर इलेक्ट्रीशियन की आवश्यकता, दीवार-फर्श आदि की टूट-फूट रिपेयर यानी सिविल कार्य के लिए मेसन की जरूरत होना। इसी तरह प्लंबर व कारपेंटर की सेवाओं की मांग है। इन सभी कुशल कारीगरों की सेवाओं को जरूरतमंद उपभोक्ता तक एक फोन कॉल पर भिजवाना एकीकृत सेवा प्रदाता का मुख्य कार्य होता है। यह बिल्कुल ऐसे ही कार्य करता है जैसे मनपसंद भोजन डिलीवरी का काम बड़ी कंपनियां कर रही हैं या फिर शहरों में एक ऐप पर कैब और ऑटो की बुकिंग होती है।
कारीगर की तलाश बड़ी चुनौती
बड़े या फिर छोटे शहरों में बिजली, पानी, कार्पेंटरी या फिर प्लंबिंग जैसे कार्यों के बड़े कॉन्ट्रैक्ट या कार्यों को करने के लिए कारीगर और कांट्रेक्टर आसानी से मिल जाते हैं परंतु घर में इन्हीं क्षेत्रों के छोटे-मोटे कार्यों के लिए कुशल कारीगरों का मिलना एक बड़ी चुनौती रहती है। वहीं घर में यदि अकेली महिला या वृद्ध दंपति हों तो विश्वासपात्र कारीगरों की उपलब्धता सुरक्षात्मक दृष्टि से महत्वपूर्ण बन जाती है।
ऐसे काम करता है रजिस्टर्ड सेवा प्रदाता
रजिस्टर्ड सेवा प्रदाता एक फोन कॉल पर कुशल व सत्यापित कारीगर प्रदान करता है तथा बदले में उपभोक्ता से सेवा प्रदान करने की एवज में सर्विस चार्ज लेता है। मान लीजिए आपको घर में नल की रिपेयर के लिए प्लंबर की आवश्यकता है , आप रजिस्टर्ड सेवा प्रदाता को संपर्क करते हैं और कुछ ही समय में एक कुशल व प्रशिक्षित प्लंबर आपके द्वार पर खड़ा मिलता है। आपकी समस्या का समाधान एक फोन कॉल द्वारा संभव हो जाता है। आजकल कंपनी की वेबसाइट या एप के जरिये भी ऐसी सेवाएं ली जा सकती हैं।
शहरों में भारी मांग
शहरों का बढ़ता भौगोलिक दायरा, कुशल कारीगरों की तलाश, समय का अभाव व सुरक्षा आदि कुछ ऐसे कारक हैं जिन्होंने एकीकृत सर्विस प्रोवाइडर को शहरों की एक महत्वपूर्ण जरूरत के रूप में चिन्हित किया है। बड़े शहरों में ऐसे कारीगरों की बहुत मांग है जो समय पर पहुंच कर सेवाएं प्रदान कर सकें। परंतु कारीगरों और उपभोक्ता के बीच कोई सीधा संपर्क न होने के कारण कुशल और विश्वासपात्र कारीगरों की सेवाएं प्राप्त करना एक कठिन कार्य बन जाता है। ऐसे में स्थानीय एकीकृत सर्विस प्रोवाइडर उपभोक्ता और कारीगर के बीच एक पुल का काम करता है।
सर्विस प्रोवाइडर बनने के लिए काबिलियत
उपरोक्त सेवाएं शुरू करने हेतु कोई निश्चित शैक्षणिक योग्यता का होना जरूरी नहीं है परंतु प्लंबिंग, कारपेंट्री, सिविल, इलेक्ट्रिकल, वातानुकूलन यंत्रों के मूलभूत सिद्धांतों और कार्यप्रणाली की जानकारी होना आवश्यक है। आईटीआई या डिप्लोमा/डिग्री इंजीनियर धारक इस व्यवसाय का कुशल प्रबंधन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त अपनी फर्म को गवर्नमेंट नियमों के तहत रजिस्टर करवाने, अपनी फर्म में रखे गए कारीगरों के कौशल प्रशिक्षण के प्रमाण पत्रों, अनुभव के आंकड़ों व उनकी पुलिस वेरिफिकेशन जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर गंभीरता से काम करना होता है ताकि उपभोक्ता को सुरक्षित और संतोषजनक सेवाएं प्रदान की जा सकें।
निवेश की आवश्यकता
उपरोक्त सेंटर को आरंभ करने के लिए किसी महंगी किराए की दुकान या ऑफिस की जरूरत नहीं होती। इस कार्य को घर के एक रूम में ऑफिस बनाकर भी शुरू किया जा सकता है। परंतु इसमें आपके पास एक अच्छे मोबाइल नेटवर्क और मोबाइल फोन का होना आवश्यक है जिसके माध्यम से आप उपभोक्ता या कारीगर से संपर्क साध सकें। अपने फाइल वर्क को हमेशा पूर्ण और दुरुस्त रखें। एकीकृत सर्विस प्रोवाइडर का व्यवहार कुशल होना उसके व्यवसाय में बेहद सहायक होता है।
आय का ब्योरा
हालांकि किसी निश्चित आय के आंकड़े देना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि यह दैनिक आधार पर आने वाली उपभोक्ता रिक्वेस्ट पर निर्भर करती है। फिर भी कम निवेश से शुरुआत कर 20000 से 25000 तक महीना कमाया जा सकता है। इसके साथ ही यदि आपकी निवेश करने की स्थिति है तो उपकरणों की मरम्मत में लगने वाले सामान की बिक्री से भी अतिरिक्त आय अर्जित की जा सकती है। आवश्यक है कि अपने सर्विस चार्जेज और मैटेरियल के रेट वाजिब रखें।

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