मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

खरीद न होने, धीमे लदान से चीका की दोनों मंडियां धान से अटीं

08:55 AM Oct 07, 2024 IST
चीका में धान की ढेरियों व बोरियों से अटी पड़ी अनाज मंडी। -निस

गुहला चीका, 6 अक्तूबर (निस)
राइस मिलरों की हड़ताल के चलते चीका की मंडियों में धान खरीद का कार्य ठप पड़ा है। हालांकि सरकारी खरीद एजेंसियों धान की खरीद कर रही हैं, लेकिन ये एजेंसियां सिर्फ 17 प्रतिशत नमी तक का ही धान खरीदती हैं, जिसके चलते इसके ऊपर की नमी वाला धान नहीं खरीदा जाता और मंडियों में धान के अंबार लग गए हैं।
मंडियों में जगह कम पड़ने के चलते अब किसान अपनी धान खाली पड़े प्लाटों व कालोनियों में गिराने लगे हैं। मंडी से बाहर धान गिराए जाने से आम लोगों की दिक्कतें बढ़ने लगी है।
दूसरी तरफ एजेंसियों द्वारा खरीदे गए धान का समय पर उठान नहीं हो रहा, जिसके चलते भी मंडियों में धान गिराने के लिए जगह कम पड़ रही है। धान की खरीद न होने से किसान परेशान हैं और उन्हें कई दिनों तक मंडियों में बैठकर धान की रखवाली करनी पड़ रही है।
किसान नेता जरनैल सिंह जैली, केवल सिंह सदरेहड़ी मांगे राम, रामस्वरूप ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के चलते किसानों की धान की बेकद्री हो रही है। किसानों ने मांग की है कि सरकार तुरंत राइस मिलरों की मांगे माने ताकि धान की खरीद सुचारु रूप से हो सके। उधर, धान खरीद को लेकर चल रही राइस मिलरों की हड़ताल आज भी जारी रही। हड़ताल खोलने को लेकर आज राइस मिलरों ने बैठक बुलाई थी, लेकिन यह बैठक स्थगित हो गई। मिलरों की हड़ताल न खुलने से एक बार फिर से किसानों को मायूस होना पड़ा है।

Advertisement

राइस मिलों में सीधे धान गिरा किसानों को लूट रहे मिलर

राइस मिलरों ने एक तरफ तो हड़ताल की हुई है, वहीं दूसरी तरफ कुछ मिलर चोरी-छिपे किसानों का धान सीधे अपने मिलों में गिरा रहे हैं। जानकारी के अनुसार ये मिलर किसानों का धान 1800 से 1900 रुयेए प्रति क्विंटल तब खरीद रहे हैं जबकि धान का समर्थन मूल्य 2320 रुपये क्विंटल है। किसान संदीप संधू, मीता सुल्तानियां, बलराज, सतपाल, धर्मवीर का कहना है कि मंडियों में धान की खरीद ना होने के चलते किसानों को मजबूरन राइस मिलरों को औने-पौने दामों में धान बेचना पड़ रहा है। किसानों ने कहा कि एक तो पैदावार कम दूसरा धान का मूल्य 500 रुपए प्रति क्विंटल तक कम मिलने से किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है।

"सरकारी माप दंडों पर खरा उतरने वाला धान तुरंत खरीदा जा रहा है। खरीदा गया धान भी तुरंत उठाने के निर्देश दिए गए हैं। मार्केट कमेटी प्रशासन की तरफ से मंडी में सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं।"
-सतबीर राविश, सचिव मार्केट कमेटी चीका

Advertisement

Advertisement