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चलती ट्रेन से डीटीसी ड्राइवर को फेंका, पुलिस जांच में जुटी, तीन टीमें गठित

08:09 AM Jun 04, 2025 IST

फरीदाबाद, 3 जून (हप्र)
पलवल से ओखला जा रहे डीटीसी बस ड्राइवर को चलती ट्रेन से फेंकने के आरोपी बदमाशों का कोई सुराग नहीं लगा है। बदमाशों की सुराग के लिए जीआरपी की तीन अलग-अलग टीमें गठित की गई हैं। टीमें स्टेशनों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को खंगाल रही है। जांच के लिए आरपीएफ की क्राइम ब्रांच को भी लगाया गया है।
दो दिन तक शिकायत न देने पर सवाल खड़े हो रहे हैं, पर जीआरपी अभी पीडि़त की शिकायत के आधार पर ही जांच को आगे बढ़ा रही है। पीडि़त के सिर में आठ और चेहरे पर दो टांके लगे है, पर उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। पीडि़त दीपक ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि वह नूंह के गांव छछेड़ा का रहने वाला है। डीटीसी कालका डिपो में बस ड्राइवर की नौकरी करता है और प्रतिदिन दिल्ली से पलवल आवागमन करता है।
29 मई की रात को पलवल रेलवे स्टेशन से दिल्ली जाने वाली ईएमयू में बैठा था।
डिब्बे में पहले से छह-सात महिला और पुरुष यात्री बैठे हुए थे। इस दौरान चार युवक और चढ़े और जब बल्लभगढ़ के पार ट्रेन पहुंची तो युवकों ने कॉल करने के लिए मोबाइल मांगा। नहीं देने पर मोबाइल और पर्स छीन लिया। पर्स में आधार कार्ड, पैन कार्ड, एटीएम कार्ड और करीब 5800 रुपये थे।
उसने जब मोबाइल और पर्स वापस मांगा तो चारों बदमाशों ने चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया। गनीमत यह रही कि ट्रेन की रफ्तार धीमी थी। दीपक को शरीर में कई चोट लगी। दीपक के अनुसार रात का समय था, तो वह ट्रैक किनारे ही पड़ा रहा, क्योंकि वह उठ नहीं सकता था और मोबाइल बदमाश ले गए थे।
अगले दिन किसी की नजर पड़ी और फिर दीपक के परिजन को सूचना दी गई। दीपक को बादशाह खान अस्पताल भर्ती कराया गया। जीआरपी एसएचओ राजपाल ने बताया कि प्रत्येक स्टेशन के सीसीटीवी कैमरे चैक किए जा रह है। जहां तक अंदेशा है कि बदमाश ओखला के हो सकते हैं।

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