पंजाब-हरियाणा में नशीली दवाएं, सीबीआई को जांच का निर्देश
सौरभ मलिक/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 27 नवंबर
पंजाब, हरियाणा और पड़ोसी राज्यों में बड़े पैमाने पर ड्रग्स के खतरे से निपटने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए हाईकोर्ट ने सीबीआई को क्षेत्र में फार्मा कंपनियों द्वारा प्रतिबंधित दवाओं के निर्माण और वितरण की जांच के लिए विशेष दल बनाने का निर्देश दिया है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि नशीली दवाओं के खतरे को रोकने के लिए सभी कदम उठाए जाने चाहिए।
जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस संजय वशिष्ठ की खंडपीठ ने इस बात का संज्ञान लेते हुए कहा कि दोनों राज्यों और आसपास स्थित कंपनियों द्वारा निर्मित गोलियों, शीशियों सहित बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित दवाएं नियमित रूप से बरामद की जा रही हैं।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के प्रयासों को नाकाफी बताते हुए अदालत ने कहा कि सीबीआई दो महीने के भीतर प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने से पहले जहां आवश्यक हो वहां तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी कर सकेगी। पीठ ने स्पष्ट किया कि दोनों राज्यों और यूटी के डीजीपी को उचित मदद उपलब्ध करवानी होगी। प्रभावी जांच के उद्देश्य से सीबीआई पड़ोसी राज्यों के संबंधित पुलिस अधिकारियों से सहायता लेने के लिए भी स्वतंत्र होगी।
पीठ ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के वकील की इस दलील पर भी गौर किया कि दवा निर्माता कंपनियों द्वारा प्रतिबंधित दवाओं के निर्माण को विनियमित करने के लिए सक्रिय कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि, अदालत ने कहा कि एनसीबी अधिकारियों के प्रदर्शन के संबंध में हमें आपत्ति है, क्योंकि हम विभिन्न मामलों में देख रहे हैं कि भारी मात्रा में दवाएं बरामद की जा रही हैं, जिनका निर्माण हरियाणा, पंजाब और आसपास स्थित विभिन्न फार्मा कंपनियों द्वारा किया जाता है।