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Drug Case : मजीठिया से दूसरे दिन एसआईटी ने साढ़े छह घंटे की पूछताछ, जांच खत्म कर चालान पेश करें

09:13 PM Mar 18, 2025 IST
drug case   मजीठिया से दूसरे दिन एसआईटी ने साढ़े छह घंटे की पूछताछ  जांच खत्म कर चालान पेश करें
पटियाला में एसआईटी के सामने पेश होने के बाद मीिडया से बात करते बिक्रम मजीठिया। -निस
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संगरूर, 18 मार्च (निस)

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शिरोमणि अकाली दल के नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया 2021 ड्रग मामले में आज दूसरे दिन डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर के नेतृत्व में विशेष जांच दल (SIT) के सामने पेश हुए। आज भी उनसे करीब साढ़े छह घंटे पूछताछ की गई।

कल कमेटी ने उनसे करीब 8 घंटे तक पूछताछ की थी। मजीठिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अनुसार 2 दिन की जांच पूरी हो गई है। अब एसआईटी जांच खत्म कर चलान पेश करें। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि 18 मार्च तक जांच पूरी कर चालान पेश किया जाए। अगर एसआईटी के पास सबूत है तो चालान पेश किया जाए।

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नकदी जमा के स्रोतों पर भी उठाए सवाल
इस बीच कल जांच कमेटी के सदस्य वरुण शर्मा ने कहा कि मजीठिया और उनके परिवार से जुड़ी कुछ फर्मों के संदिग्ध वित्तीय लेनदेन के सुराग मिले हैं। उस दौरान इन फर्मों में बड़ी मात्रा में नकदी जमा की गई और विदेशी कंपनियों के साथ वित्तीय लेनदेन भी किए गए। इसने इन लेनदेन और नकदी जमा के स्रोतों पर भी सवाल उठाए हैं। इस मामले के 4 आरोपियों में से 3 विदेश में हैं। उन्हें भारत लाने और कानूनी प्रक्रिया का सामना करने के लिए 'ब्लू कॉर्नर नोटिस' सहित सभी संभव प्रयास किए जाएंगे।

एसआईटी ने कहा कि विदेश से मिले 150 करोड़, कंपनी तक पहुंचे 194 करोड़! मजीठिया जवाब नहीं दे रहे। मजीठिया सुबह 11 बजे पटियाला पहुंचे। एसआईटी ने एक बार फिर मजीठिया से 2007 से पहले उनकी आय और 2007 से तक सत्ता में रहने के दौरान उनके, उनके परिवार और उनकी कंपनियों के खातों में लेनदेन के बारे में पूछताछ की है। आज ही नहीं बल्कि जब भी मजीठिया जांच के लिए पेश हुए हैं। एसआईटी विदेश से मिले 150 करोड़ रुपये और उनकी कंपनी के खाते में मिले 194 करोड़ रुपये का हिसाब मांग रही है।

उल्लेखनीय है कि मजीठिया की जमानत रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में भी ये सवाल उठाए गए थे। आरोप लगाया गया था कि मजीठिया इन सवालों का जवाब देने में सहयोग नहीं कर रहे हैं। फिलहाल एसआईटी का फोकस सिर्फ इस बात पर है कि पिछले दो साल में उनकी कंपनी में हुए 'असामान्य लेनदेन' का स्रोत क्या है? इतना ही नहीं एसआईटी यह भी जानकारी चाहती है कि उसके द्वारा बनाई गई संपत्ति पर 89 करोड़ रुपये का कर्ज दर्शाया गया है।

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