For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

पंजाब में नशा गंभीर चिंता का कारण : कटारिया

07:47 AM Jan 10, 2025 IST
पंजाब में नशा गंभीर चिंता का कारण   कटारिया
चंडीगढ़ में बृहस्पतिवार को पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया शिक्षाविदों के साथ नशे के खिलाफ जागरूकता पर संवाद सत्र की अध्यक्षता करते हुए। -हप्र
Advertisement

मनीमाजरा (चंडीगढ़), 9 जनवरी (हप्र)
पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया की अध्यक्षता में, जोशी फाउंडेशन, खन्ना फाउंडेशन, ग्रेवाल फाउंडेशन और सांपला फाउंडेशन के सहयोग से पंजाब के शिक्षाविदों के साथ नशे के खिलाफ जागरूकता पर पंजाब राज भवन में एक संवाद सत्र आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान लगभग 50 विश्वविद्यालयों, स्कूलों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों के शिक्षाविदों ने अपने विचार साझा किए और पंजाब में नशे की समस्या का प्रभावी समाधान निकालने हेतु पूर्ण सहयोग का संकल्प लिया। शिक्षाविदों ने राज्यपाल को अपने परिसरों में आयोजित विभिन्न जागरूकता गतिविधियों की जानकारी दी, जिनके परिणामस्वरूप युवाओं में नशे की लत में कमी देखने के मिली है। अपने संबोधन में राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने नशे की समस्या को एक गंभीर सामाजिक बुराई बताते हुए कहा कि यह सिर्फ एक क्षेत्रीय समस्या नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय संकट बन चुकी है, जो विशेष रूप से पंजाब में गंभीर चिंता का कारण बन गई है। उन्होंने कहा, ‘नशे के खिलाफ यह युद्ध समाज के सभी वर्गों, जिनमें सरकार, सामाजिक संगठनों, शैक्षिक संस्थानों, गैर-सरकारी संगठनों और अन्य संबंधित पक्षों का संयुक्त प्रयास शामिल है, के माध्यम से ही जीता जा सकता है। कानूनों का कार्यान्वन महत्वपूर्ण है, लेकिन केवल इसके द्वारा ही समस्या का समाधान नहीं हो सकता। समाज के सभी वर्गों में भी जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण है।’
राज्यपाल ने नशे की लत के खतरों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए आधुनिक संचार उपकरणों, जैसे कि सोशल मीडिया के उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस सामाजिक बुराई के खिलाफ सामूहिक प्रतिक्रिया उत्पन्न करने के लिए सार्वजनिक मंच और सामुदायिक अभियान आयोजित किए जाने चाहिए। राज्यपाल ने इस समस्या के समाधान के लिए व्यवस्थित उपायों की आवश्यकता पर जोर देते हुए सुझाव दिया कि शिक्षक काउंसलिंग कार्यक्रमों की शुरुआत जिला, तहसील और ब्लॉक स्तर पर की जानी चाहिए। जोशी फाउंडेशन के संस्थापक विनीत जोशी ने विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के प्रतिभागियों का परिचय कराया और नशे की लत से निपटने के लिए व्यावहारिक उपायों पर चर्चा की। पूर्व राज्य मंत्री विजय सांपला ने नशा मुक्ति केंद्रों के प्रभावी उपयोग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने नशे के आदी व्यक्तियों को बहिष्कृत करने के बजाय उन्हें स्वीकारने और समर्थन देने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि उन्हें समाज में पुन: समाहित किया जा सके। ग्रेवाल फाउंडेशन के संस्थापक-निर्देशक हरजीत सिंह ग्रेवाल ने इस कार्य के लिए अपने पूरे समर्थन की घोषणा की। पूर्व राज्यसभा सदस्य और खन्ना फाउंडेशन के निदेशक अविनाश राय खन्ना ने इस संकट को समाप्त करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।

Advertisement

Advertisement
Advertisement