निगरानी के लिए नहीं, 24 घंटे जलापूर्ति योजना के तहत घरों की मैपिंग के लिए उड़े थे ड्रोन
शिमला, 31 अगस्त (हप्र)
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के सरकारी आवास पर ड्रोन से कथित जासूसी का मामला विधानसभा में गूंजने और इस मुद्दे पर विपक्ष द्वारा किए गए भारी हंगामे व विधानसभा अध्यक्ष द्वारा भी इस मामले पर संज्ञान लेने की बात के बाद सुक्खू सरकार, खासकर शिमला जिला के अधिकारी अब बचाव की मुद्रा में आ गए हैं। प्रदेश सरकार, खासकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा इस मामले पर विधानसभा में सफाई देने के बाद अब ड्रोन मामले से जुड़े अधिकारी भी सामने आए हैं। शिमला जल प्रबंधन निगम के प्रबंध निदेशक देवेंद्र ठाकुर ने कहा कि ड्रोन जल प्रबंधन निगम द्वारा उड़ाए जा रहे हैं। इन ड्रोन के माध्यम से किसी की जासूसी नहीं, बल्कि शिमला जल प्रबंधन निगम द्वारा शिमला शहर में चौबीसों घंटे जलापूर्ति योजना के तहत घरों की मैपिंग की जा रही है।
गौरतलब है कि नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने शुक्रवार को विधानसभा में यह आरोप लगाते हुए हंगामा किया था कि उनके आवास पर ड्रोन से निगरानी की जा रही है, जिसे पास में स्थित एसपी के आवास से संचालित किया जा रहा है, लेकिन एसजेपीएनएल ने यह कहते हुए इस आरोप को अपने ऊपर ले लिया कि घरों की मैपिंग के लिए ड्रोन के माध्यम से सर्वेक्षण निगम द्वारा सरकार से उचित अनुमति के साथ किया जा रहा था।
निदेशक देवेंद्र ठाकुर ने कहा कि भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) मैपिंग, शिमला शहर के लिए चौबीसों घंटे जलापूर्ति परियोजना के लिए डेटा संग्रह और योजना के लिए दिए गए कार्य का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि एसजेपीएनएल को 5 अगस्त से 9 सितंबर तक सभी संपत्तियों की जीआईएस मैपिंग के लिए नगर निगम क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने की अनुमति राज्य सरकार से मिली है। उन्होंने कहा कि ड्रोन सर्वेक्षण राज्य की राजधानी के लिए पानी की पाइपलाइन नेटवर्क को डिजाइन करने और बिछाने के लिए एक प्रभावी मानचित्रण अभ्यास है। उन्होंने कहा कि हर वार्ड का सर्वेक्षण किया जा रहा है और हर घर की पानी की खपत का रिकॉर्ड रखने के अलावा तस्वीरें भी ली जा रही हैं।